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[मैंने पढी किताब] सूरजप्रकाश – चल अकेला

वह जाना माना पत्रकार है। पूरी दुनिया घूम चुका है। उसके पास सारी सुविधाएं हैं। बेहद खूबसूरत गर्ल फ्रेंड है जो उसके साथ रहती है लेकिन कुछ है उसकी जिंदगी में जो उसे चैन से बैठने नहीं देता1 कहीं भीतरी भटकाव है। एक दिन वह अपनी शादार नौकरी को लात मार देता है और तय कर लेता है वह एक और यात्रा पर निकलेगा। आध्यात्मिक यात्रा पर। अकेले। खाली हाथ। वह अपने भाई से उसका रक सैक मांगता है और यात्रा का सामान पैक करता है। पचास पौंड का झोला उठाये वह एक‍ सुबह निकल पड़ता है। उसकी जेब में कुछ सिक्केअ हैं जिनसे वह गली से बाहर निकलते निकलते मुक्ति पा लेता है। अजीब नियम बनाये हैं 37 वर्षीय माइक मैकइन्टा यर ने अपनी इस अनोखी आध्यानत्मिक यात्रा के लिए। वह पूरे अमेरिका की यात्रा करेगा। ए कैशलेस जर्नी। वह महान डॉलर की धरती पर बिना एक भी डॉलर जेब में डाले अजनबियों के रहमो-करम पर पूरे अमेरिका को नापेगा। अगर उसे कोई धन देता है तो वह मना कर देगा। अगर वह सड़क पर गिरा हुआ सिक्काे भी देखेगा तो उस पर पैर रख कर आगे बढ़ जायेगा। वह केवल रास्तेु में सवारी मांगेगा, खाना स्वी।कार करेगा लेकिन मांगेगा नहीं, और सिर छुपाने के लिए रैन बसेरा स्वीखकार करेगा। मांगेगा नहीं। वह देखेगा कि क्या उसका ये सपना कैसे पूरा होता है।

और वह अपनी बेहद रोमांचक लेकिन अविश्वयसनीय यात्रा पूरी करता है। वह अपनी यात्रा में हर तरह के लोगों से मिलता है- जो उसे पागल, दीवाना और सिरफिरा कहते हैं, उससे प्रेरणा लेते हैं, उस पर भरोसा नहीं करते/करते हैं, उसे खाना खिलाते हैं, शराब पिलाते हैं, उसे पागल हत्याहरा समझते हैं। सनकी करार देते हैं। वह अपनी रातें पुलिस थाने में भी बिताता है और कैम्प साइट्स पर पूरी रात भीगते हुए भी।

 लेकिन वह हार नहीं मानता, भूखा रह लेता है लेकिन खाना नहीं मांगता, पेट भरा होने पर किसी अच्छेन बच्चे, की तरह खाना मना भी कर देता है। हर तरह की मुसीबतें आती हैं, अच्छे बुरे लोगों से दुनिया भरी पड़ी है, वह सबके सम्पीर्क में आता है। कुल मिला कर लगभग साढ़े तीन महीने में अपनी यात्रा पूरी करता है। वह 4223 मील तय करता है। हर तरह की सवारी लेता है, पैदल भी चलता है। अमेरिका के 14 राज्यत कवर करता है। 82 बार लिफ्ट मिलती है उसे और 78 बार खाना। 5 बार लांडरी की सुविधा भी मिल जाती है और एक बार गोल्फ़ खेलने का मौका भी।

अपनी यात्रा के आखिरी पड़ाव में वह घर पर खत भेज कर अपनी गर्ल फ्रेंड से अपना एटीएम कार्ड भेजने के लिए कहता है और इस तरह उसकी बेहद रोमांचक यात्रा पूरी होती है। THE KINDNESS OF STRANGERS:PENNILESS ACROSS AMERICA BY MIKE MCINTYRE पढ़ते हुए हमें एक पल के लिए भी नहीं लगता कि हम उसकी यात्रा में उसके साथ नहीं हैं। 1996 में की गयी इस यात्रा की यह किताब amezon.com पर पुस्तक और ईबुक के रूप में उपलब्धप है। यायावरों के लिए बेहद पठनीय किताब़।

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1 टिप्पणियाँ

  1. अर्चना यादव7 जून 2012 को 7:02 pm बजे

    अनोखी और दिलचस्प यात्रा का वर्णन करती किताब के बारे में धन्यवाद

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