विरासत में 'मोहन राकेश' की कहानी
‘मवाली'
उस लडक़े का परिचय केवल इतना ही है कि वह शाम के वक़्त चौपाटी के
मैदान में जमा होनेवाली भीड़ में घूम रहा था। चौपाटी का मैदान काफ़ी खुला है, और….।
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कमल कुमार से बातचीत
स्त्री लेखन की अलग पहचान के लिए साहित्यिक से अधिक
गैर-साहित्यिक निमित्त है। स्त्री को दिया गया संस्कार, मूलधारा से कहीं उसकी निष्क्रय भूमिका......।
देस परदेस में 'जाआओ
गुइमारएस रोसाकी' की ‘नदी का तीसरा किनारा’।
जाआओ गुइमारएस का जन्म मिनास रोसा ग़ैराइस, ब्राजिल में 1908 में हुआ था। चिकित्सा का प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने
ग्रामीण क्षेत्र में प्रैक्टिस शुरू की।
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‘शील निगम’ की कहानी ‘अंतिम
विदाई’
राजू बी. ए. पास होते हुए भी टैक्सी चलाने का काम करता था। बी
.ए. पास करके दर दर की ठोकरें खाने के बाद भी जब नौकरी नहीं मिली तो.....।
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‘डॉ. प्रेम जनमेजय’ का व्यंग्य
‘साहित्य और सफेदी’
राजा दशरथ को, एक दिन
दर्पण में मुखड़ा देखते समय, जब कानों के पास सफेद बाल दिखाई
दिया तो उन्होंने निर्णय लिया कि राम को राजपाट सौंपकर.....।
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लाला
जगदलपुरी की ग़ज़लें
हम-तुम इतने उत्थान में हैं
भूमि से परे, आसमान में हैं।
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'अनिल जनविजय' की लघुकथा 'धर्मनिर्पेक्ष'
रेल के डिब्बे में एक अंधा भिखारी चढ़ आया था। वह
गा- गा कर भीख मांग रहा था। कुल चार गाने उसने गाये।
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मैंने पढी किताब में ‘अनिल
प्रभा कुमार’ की ‘बहता पानी’
अमेरिका के प्रवासी हिन्दी लेखकों में पिछले कुछ
वर्षों में जिन साहित्यकारों ने अपनी गंभीर रचनात्मकता का परिचय दिया है, अनिल प्रभा कुमार उनमें एक नाम है।
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विकि आर्य की
कुछ कविताएं
हज़ारों दुआएं
पल पल फूलों सी झरती हैं
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आओ धूप में अभिषेक कुमार झा ''अभी' की
कवितायें
सच करने हैं, गर सपने।
तो नयन खुले रखो अपने।।
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इस सप्ताह की ई-पुस्तक में लियो तोलस्तोय की हाजी मुराद (हिन्दी अनुवाद: रूपसिंह चंदेल)
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