विरासत में 'कमलेश्वर' की 'कसबे का
आदमी'
सुबह पाँच बजे गाड़ी मिली। उसने एक कंपार्टमेंट में अपना बिस्तर लगा
दिया। समय पर गाड़ी ने झाँसी छोड़ा और छह बजते-बजते डिब्बे में सुबह की रोशनी….।
गोपालदास नीरज से देवेश
वशिष्ठ खबरी की बातचीत
इस देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य रहा जातिवाद। और
बड़ा दुर्भाग्य ये कि आज के राजनेता फिर से जाति की ही राजनीति कर रहे हैं।
देस परदेस में 'लियो
तालस्तॉय' की 'लोग कैसे
जीते हैं।
सैमन जूते सी कर अपनी आजीविका चलाता था। पत्नी
मत्रिना के साथ वह एक झोपड़ी में रहता था। अपनी आय से वह उदर-पोषण की ही जुगाड़ कर
पाता था।
मीनाक्षी जोशी की कविताएं
बिन सावन
की बारिशों में
भीग रहे है चंद अल्फाज़
भाषा सेतु में ‘वेद राही’ की कहानी ‘मौत’
आँखों की धुँध सघन होती गयी, कुहरा बढ़ता गया और उसने सारे माहौल को लील लिया।
‘उर्मिला
शिरीष’ की कहानी ‘अपराधी’
अचानक ब्रेक लगने से एक के पीछे एक अनेक गाड़ियाँ रुकती गई। एक
झटके के साथ। कुछ गाड़ियाँ एक-दूसरे से टकरायीं तो कुछ टकराते-टकराते बचीं...
अर्चना पैन्यूली का ‘यात्रा
वृतान्त’ – ‘बहुत सारे द्वीप एक शहर’
बारह मई़ सन् 2010, समय सुबह
साढ़े पांच बजे, कोपनहेगन सेन्ट्रल स्टेशन पर हम एक एक करके इकठ्ठा हो रह़े एर्क्सजे
2000 ट्रेन स्टोक्होम के लिये पकड़ने के लिये।
मैंने पढी किताब में ‘प्रवासी
आवाज़’
इस बात में कोई शक नहीं कि यूरोप या अमेरिका या
इंगलैंड का जीवन हर मायने में हमारे देश के जीवन से अलग है।
बाबा नागार्जुन की कविता "बादल
भिगो गये रातों रात"
मानसून उतरा है
जहरी खाल
की पहाड़ियों पर
'भगवान
पुस्तकालय' पर 'राजीव रंजन
प्रसाद' प्रस्तुत एक विमर्श
स्तब्ध और आवाक रह गया हूँ। जितनी उम्मीद से और
तैयारी के साथ मैं भागलपुर के प्राचीन ‘भगवान
पुस्तकालय’ पहुँचा था.....।
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