बस्तर के ख्यातिनाम इतिहासकार, प्रख्यात शिक्षाविद, पर्यावरणविद, उपन्यासकार, लेखक और स्वयं बस्तर माटी के अतीत का अभिन्न हिस्सा डॉ. के के झा नहीं रहे। यह अपूरणीय क्षति है। बस्तर के प्रख्यात इतिहासकार, शिक्षाविद और अध्येता डॉ के के झा का निधन जगदलपुर में हो गया है। बस्तर का इतिहास इनके बगैर अधूरा है। सरल, सहज व्यक्तित्व के धनी झा जी का जाना बस्तर के लिए अपूरणीय क्षति है।
मुझे जो जानकारी है उसके अनुसार डॉ झा ने 5 बार डॉक्टरेट किया था साथ ही दर्जनभर से अधिक विषयों में मास्टर्स डिग्रियाँ और 20 से अधिक विषयों में डिप्लोमाधारी थे।
मेरा सौभाग्य रहा है कि उनका प्यार और मार्गदर्शन सर्वदा प्राप्त होता रहा है। आज उनके न होने की पीडा को महसूस करते हुए इतनी ही कह सकता हूँ कि आपके योगदान और कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। विनम्र श्रद्धांजलि।
मुझे जो जानकारी है उसके अनुसार डॉ झा ने 5 बार डॉक्टरेट किया था साथ ही दर्जनभर से अधिक विषयों में मास्टर्स डिग्रियाँ और 20 से अधिक विषयों में डिप्लोमाधारी थे।
मेरा सौभाग्य रहा है कि उनका प्यार और मार्गदर्शन सर्वदा प्राप्त होता रहा है। आज उनके न होने की पीडा को महसूस करते हुए इतनी ही कह सकता हूँ कि आपके योगदान और कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। विनम्र श्रद्धांजलि।
2 टिप्पणियाँ
इतिहासकार डॉ. के के झा बस्तर के स्तंभ थे....विनम्र श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंसादर श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.