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अपनों के सपने [लघुकथा] - रचना व्यास

DushyantKumar
रचना व्यासरचनाकार परिचय:-

रचना व्यास मूलत: राजस्थान की निवासी हैं। आपने साहित्य और दर्शनशास्त्र में परास्नातक करने के साथ साथ कानून से स्नातक और व्यासायिक प्रबंधन में परास्नातक की उपाधि भी प्राप्त की है। 

आप अंतर्जाल पर सक्रिय हैं।

मध्यमवर्गीय पिता ने जब होने वाले समधी से बेटी की शादी का बजट बताया तो उन्होंने सांत्वना देकर कहा कि वे कर्ज न लें, भले ही बजट कुछ कम कर दें|

अगले सन्डे जब विवाह की योजना बनने लगी तो पत्नी ने घोषणा कर दी कि रिश्तेदारी में होने वाली शादियों के बराबर स्तर तो होना ही चाहिए| बेटे ने बताया कि उसके सभी दोस्त हाई सोसाइटी से है, अतः कहीं और कटौती कर लो पर रिसेप्शन हॉल व डिनर तो शानदार ही होगा| बेटी का ब्यूटी पार्लर, मेंहदी, कास्मेटिक व अन्य शॉपिंग का खर्च सिर्फ डेढ़ लाख था| 

बजट की रकम दुगुनी हो चुकी थी उधर एफ एम पर बज रहा था हमें तो लूटा अपनों ने...|

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