चीटी मेरी बेस्ट फ्रेंड है,
बी ए. पास बी एड. ट्रेंड है।
हर दिन लाँग ड्राइव पर जाती,
अपने खुद को खुद ही चलाती।
शक्कर गुड जैसे भोजन को,
शक्कर गुड जैसे भोजन को,
अपने सिर पर रख ले आती।
करती है दिन रात परिश्रम,
करती है दिन रात परिश्रम,
नहीं काम का कभी एंड है।
चीटी
मेरी बेस्ट फ्रेंड है।
चलती है तो चलती जाती,
बिना रुके ही बढ़ती जाती।
थकने का तो नाम ना लेती,
थकने का तो नाम ना लेती,
जब तक मंजिल ना मिलजाती।
दृढ़ इच्छा के एयर पोर्ट पर,
दृढ़ इच्छा के एयर पोर्ट पर,
करती श्रम का प्लेन लेंड है।
चीटी
मेरी बेस्ट फ्रेंड है।
है कतार में बढ़तीजाती,
गिर जाती तो उठकर आती।
अगर कहीं व्यवधान हुआ तो,
अगर कहीं व्यवधान हुआ तो,
काट काट चक्कर आ जाती।
शिक्षा देती है हम सबको,
शिक्षा देती है हम सबको,
श्रम का हर दम अपर हैंड है।
चीटी
मेरी बेस्ट फ्रेंड है।
उठो और चल पड़ो बात यह,
कही विवेकानंदों ने है।
लंगड़ों ने पर्वत लांघे हैं,
लंगड़ों ने पर्वत लांघे हैं,
नदी पार की अंधों ने है।
हर चीटी ने इसी बात का,
हर चीटी ने इसी बात का,
हमें किया ई मेल सेंड है।
चीटी
मेरी बेस्ट फ्रेंड है।
3 टिप्पणियाँ
चींटी मेरी बेस्ट फ्रेड है... बाल कविता गज़ब है...
जवाब देंहटाएंप्रभुदयाल जी को बधाई.....
A very nice poem.
जवाब देंहटाएंWill share it with NRI children in USA
They will love it.
Badhaaii
Thanks to all .Anupjee Ishall be glad ofcourse if poem goes to NRI
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.