मेरी पत्नी की भतीजी का विवाह था।
प्राण शर्मा वरिष्ठ लेखक और प्रसिद्ध शायर हैं और इन दिनों ब्रिटेन में अवस्थित हैं। आप ग़ज़ल के जाने मानें उस्तादों में गिने जाते हैं।
आप के "गज़ल कहता हूँ' और 'सुराही' काव्य संग्रह प्रकाशित हैं, साथ ही साथ अंतर्जाल पर भी आप सक्रिय हैं।
बारात आ गई थी। सभी वर को देखने के लिए उमड़ पड़े थे। सभी उसे देख कर कह उठे थे - " क्या सौम्य चेहरा है ! सभी ने वधू के भाग्य की सराहना करनी शुरू कर दी थी। विदाई की घड़ी आयी। बाबुल का घर छुटते देख कर वधू फूट - फूट कर रोने लगी। वर से रहा नहीं गया। उसका मन भी भावुक हो गया। वह भी फूट - फूट कर रोने लगा।
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