माना तुम हो एक बड़े खरीददार
और ये दुनिया बाजार।
चलो,
ये भी माना,
बाजार में सब पर टँगा है
प्राइस टैग।।
डॉ• भारती अग्रवाल
दिल्ली विश्वविद्यालय से बी• ए•, एम• ए•, एम• फिल•, पी• एच• डी• की उपाधी प्राप्त ।
नेट (यू• जी• सी•) परीक्षा उत्तीर्ण । कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से जनसंचार में शिक्षा प्राप्त की।
केन्द्रीय हिन्दी संस्थान , आगरा विश्वविद्यालय से अनुवाद में डिप्लोमा प्राप्त।
विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित। ‘हिन्दी की चर्चित कवियत्रियाँ’ कविता संकलन में कविताएँ प्रकाशित ।
'शानी' के रचना संसार का समाज पुस्तक प्रकाशित।
सन् 2000 में बालकन जी बारी संस्था द्वारा राष्ट्रिय युवा कवि सम्मान ।
संप्रति अध्धयन अध्धयापन लेखन
संपर्क 011- 25812582
aggarwal_dr.bharti@yahoo.com
किसी टैग पर लिखा है, ईमानदारी, विश्वास। किसी की कीमत है, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार। किसी पर लिखा है, पैसा, घात-प्रतिघात ।। तुम भूल गए शायद खेलते-खेलते बाजार का खेल किसी-किसी टैग पर लिखा होता है नॉट फॉर सेल।
1 टिप्पणियाँ
सुंदर अभिव्यक्ति !
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