उसे मालूम है
आदमी से पहले, उसकी
सुशील कुमार शैली
जन्म तिथि-02-02-1986
शिक्षा-एम्.ए(हिंदी साहित्य),एम्.फिल्,नेट|
रचनात्मक कार्य-तल्खियाँ(पंजाबी कविता संग्रह),
सारांश समय का,कविता अनवरत-1(सांझा संकलन)|
कुम्भ,कलाकार,पंजाब सौरभ,शब्द सरोकार,परिकथा पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
सम्प्रति-सहायक प्राध्यापक,हिन्दी विभाग,एस.डी.कॅालेज,बरनाला
पता-एफ.सी.आई.कॅालोनी,नया बस स्टैंड,करियाना
भवन,नाभा,जिला-पटियाला(पंजाब)147201
मो.-9914418289
ई.मेल-shellynabha01@gmail.com
भाषा को खत्म कर देना चाहिए और मृत प्रतीकों को इस तरह मस्तिष्क की जर-जर दीवारों पर चिपका देना चाहिए कि जहाँ से उसे केवल रामराज्य ही दिखाई दे, भाषा की तसकरी से पहले शब्दों को परिभाषिक करने के बादs अश्वमेघ की तरह छोड़ देना चाहिए और सारे देश की आँख एक स्वयंवर जितने के लिए फोड़ देनी चाहिए|
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