आँसू की क्या दूं परिभाषा
इसकी नहीं है कोइ भाषा
इसकी नहीं है कोइ भाषा

भारती दास
प्लाट नम्बर :३६ ,सहकार कोलोनी ,
सेक्टर -२५ ,गांधीनगर ,
गुजरात -३८२०२४
mob:+919824553022
प्लाट नम्बर :३६ ,सहकार कोलोनी ,
सेक्टर -२५ ,गांधीनगर ,
गुजरात -३८२०२४
mob:+919824553022
गम में, दुःख में, सुख में सब में
आहत होती ये जब –तब में
याद आये गर बीते कल की
तो बस झट से आखें छलकी
किसी से जब कुछ कह नही पाए
आँसू मन की व्यथा बताये
समर्पण में छलक पड़ता है
सुहाने –पल में हँस-देता है
दुआ में भी ये रहता है
दया के साथ जीता है
विधाता की ये श्रद्धा है
उमर में वो न बूढा है
मैंने कितनी बार है सोची
ऐसी बातें क्यूँ-कर होती
कुछ भी हो पर समझ यही है
हर –पल मेरे साथ यही है
2 टिप्पणियाँ
मेरी कविता को साहित्य शिल्पी में जगह मिली ,बहुत-बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रयास ...भारती जी को बधाई ...!
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.