ख़ुशी की बात होठों पर ग़मों की रात होठों पर ,
चले आओ कि होने दो सनम बरसात होठों पर |
चले आओ कि होने दो सनम बरसात होठों पर |
अनन्त आलोक
साहित्यलोक , बायरी , ददाहू , सिमौर
हिमाचल प्रदेश 173022 Mob: 09418740772
Email: anantalok1@gmail.com
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हिमाचल प्रदेश 173022 Mob: 09418740772
Email: anantalok1@gmail.com
बड़ा जालिम जमाना है फँसा देगा सवालों में ,
मैं आने दे नहीं सकता तुम्हारी बात होठों पर |
नज़र की बात नैनों से फिसल कर दिल में आ धमकी ,
हुई जो बात नैनों से बनी सौगात होठों पर |
जुबां को लफ्ज देते हैं ग़ज़ल को भी नजाकत दी ,
अदम या जानवर हो तुम तुम्हारी जात होठों पर |
तेरा आलोक आशिक है ग़ज़ल से इश्क फरमाए ,
कलम की नोक पर या फिर मेरी औकात होठों पर |
2 टिप्पणियाँ
हृदयतल की गहराइयों से आभारी हूँ ,आपका स्नेह सर आँखों पर , अनन्त नमन स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंखुबसूरत ग़ज़ल ...आलोक जी को बहुत -2 बधाई ....!
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.