यह बताते हुए दु:ख हो रहा है कि प्रिय मित्र तथा “साहित्य शिल्पी” के संस्थापक सदस्यों में रहे श्रीकांत मिश्र कांत जी का आज सुबह निधन हो गया। कलम की दुनिया में बहुत से साथी मिले हैं, बहुत सी आत्मीयतायें पायी हैं, बहुत से प्रेरक साथियों का सान्निध्य प्राप्त हुआ है लेकिन श्रीकांत जी अलग ही थे। पहली ही मुलाकात के पश्चात आत्मीयता की जो गांठ बंधी तो औपचारिकता की परते बीच में कभी नहीं रहीं। साहित्यिक और सामाजिक संदर्भों पर बहसों का उनके साथ लम्बा सिलसिला चला ही, लेकिन उनसे मार्गदर्शन भी बहुत मिला है। मेरी फरीदाबाद और देहरादून में पदस्थापना के दौरान अनेक बार ऐसा हुआ है कि वे अचानक घर आ गये और फिर कुछ दिन चल पडता था बहसों-विमर्शों का लम्बा सिलसिला। वे यायावर ही थे और अपनी कार से लम्बी लम्भी यात्रा पर निकल जाना उन्हें अच्छा लगता था। एक बार तो यह भी हुआ कि वे दिल्ली में थे, फोन पर हमारी चर्चा हुई और छ: घंटे बाद वे देहरादून में मेरे सामने....कारण वही कि मिल कर जाने की इच्छा हुई तो चला आया।
अभी केवल कुछ माह पहले ही यह उजागर हुआ कि वे कैंसर के रोग से पीडित हैं। देखते देखते एक मुस्कुराता हुआ व्यक्तित्व पिघलने लगा। हर बार जब भी उनसे बात होती तो एक बुलंद आवाज का कपकपाते हुए बात करना भीतर तक छू जाता था। साल भर भी नहीं हुए, उनकी बिटिया की शादी में मैं भोपाल गया था और तब वे पूर्णत: स्वस्थ लग रहे थे। सवा साल पहले जब वे कलकत्ता में पदस्थ थे, मेरा भी वहाँ जाना हुआ। गंगा नदी के तट पर हम दोनों ने बैठ कर घंटो बातें की थीं...तब तक बातें करते रहे थे जब तक कि सूरज पूरी तरह अस्त नहीं हो गया था।
आज फिर एक सूरज अस्त हो गया है। आज फिर एक कलम शांत हो गयी है। बहुत से नवगीत सिसक रहे हैं, बहुत से आलेखों को नम पा रहा हूँ, बहुत सी कहानियाँ फफक पडी हैं....कि अभी उम्र ही क्या थी? जैसे ही उन्हें आभास हुआ कि जीवन उनमें कुछ दिनों का ही मेहमान है, उन्होंने एक ट्रस्ट का निर्माण कर अपनी भूमि व सम्पत्ति उसके नाम कर दी। श्रीकांत सेवान्यास का वे संरक्षक मुझे नियत कर गये, संभवत: इस विश्वास के साथ कि मैं उनकी भावनाओं की कद्र कर सकूंगा और यथा समय योगदान दे सकूंगा। नम आँखें और भारी दिल से विदा श्रीकांत जी......।
37 टिप्पणियाँ
Bhagwant Anmol दुखद ....RIP
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 20 घंटे · संपादित
संजीव तिवारी विनम्र श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 20 घंटे
Shailesh Bharatwasi मैं यक़ीन नहीं कर सकता।
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 20 घंटे
Girish Mishra RIP
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 20 घंटे
सूरज प्रकाश नमन। 2007 के नवंब्र में अापके घर हुई गोष्ठी में उनसे पहली मुलाकात हुई थी और हम अक्सर बात कर लिया करते थे। वे बहुत आत्मीय व्यक्ति थे और हमेशा कुछ नया कुछ बेहतर करने की योजनाएं उनके पास रहती थीं।
जवाब देंहटाएंपीयूष द्विवेदी भारत विनम्र श्रद्धांजलि!!
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 19 घंटे
Vishwa Deepak मैंने जबसे उन्हें कैंसर होने की खबर पढी थी, रोज़ यही दुआ करता था कि सबकुछ सही हो जाए। लेकिन अफसोस!
जवाब देंहटाएंभावभीनी श्रद्धांजलि frown इमोटिकॉन
शक्ति प्रकाश श्रद्धांजलि, अक्सर साहित्यशिल्पी पर उन्हें पढ़ता था , अच्छा लिखते थे
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 19 घंटे
कामेश्वर भारती शान्तिॐशान्ति
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 19 घंटे
Kajal Kumar ओह. ओउम शांति शांति.
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 19 घंटे
Ajay Yadav श्रीकान्त जी के निधन की खबर से अभी तक सदमे में हूँ. पिछले कुछ समय से उनसे मिलना चाह रहा था, पर नहीं पहुँच पाया. ये बात आज अधिक दुख दे रही है. शायद ईश्वर यही चाहता था कि आपकी वही ऊर्जस्वित छवि ही मन में रहे..
जवाब देंहटाएंदद्दा! आप बहुत याद आओगे....
पसंद · जवाब दें · 1 · 19 घंटे
Sajeev Sarathie बहुत बड़ी क्षति....कितनी बढ़िया टीम हुआ करती थी.... एक एक कर सब बिखर गए
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 18 घंटे
Birendra Saral विनम्र श्रधांजलि
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 18 घंटे
वीणा वत्सल सिंह RIP
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 18 घंटे
Shiv Shankar दुःखद .....!
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 18 घंटे
Ritu Ranjan Prasad विनम्र श्रद्धांजलि. दुखद घटना है.
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 17 घंटे
Sanjiv Verma 'salil' स्तब्ध हूँ. लगातार संपर्क, बातचीत, रचनाधर्मिता और असाधारण जीवट, लगता था कभी भी मुस्कुराते हुए न्यास के सम्बन्ध में चर्चा हेतु कभी भी आ जाएंगे. लेकिन कल्पना से पर घटित हो गया. राजीव जी हम सब न्यास को मूर्त रूप दें और उनके परिवार के साथ खड़े रहें, इसके अलावा हमारे हाथ में और क्या? शत शत नमन
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 16 घंटे
प्रभात सिंह श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 16 घंटे
Lalit Sharma विनम्र श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 16 घंटे
योगेश समदर्शी विनम्र श्रद्धांजलि. दुखद घटना है.
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 16 घंटे
Prabhakar Chaube MERI VINAMR SHRADHANJALI
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 16 घंटे
Dushyant Thakur Rip
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 15 घंटे
Pramod Kumar नमन...
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 15 घंटे
Navnit Nirav श्रद्धांजलि ।।
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 14 घंटे
Puneet Bisaria नमन
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 14 घंटे
Rahul Bhardwaj श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 14 घंटे
गौतम कश्यप naman
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 14 घंटे
Vachaspati Pandey vinamra shraddhanjali
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 14 घंटे
सनत कुमार जैन नमन
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 13 घंटे
Anuradha Srivastav बेहद दुखद अवसान । श्रदा न्जलि
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 13 घंटे
Anurag Sharma दुखद। श्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 5 घंटे
Punit Tripathi RIP
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 5 घंटे
Harnam Singh Verma श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 5 घंटे
Lalit Karchhale RIP
जवाब देंहटाएंपसंद · जवाब दें · 1 · 4 घंटे
1 घंटा
जवाब देंहटाएंMohinder Kumar बहुत दुखद है एक मित्र व एक जीवन्त लेखनी का यूं असमय बिछुड़ जाना । विनम्र श्रद्धांजलि ।
इस दुखद अवसान ने मुझे स्तब्ध कर दिया है।मेरी विनम्र श्रद्धांजलि ....सन्तप्त परिवार के प्रति संवेदना....
जवाब देंहटाएंभाई साहब आप अभी भी संरक्षक के रूप में हैं प्रयास है कि उनके स्वप्न को हम सभी आगे बढ़ा सकें।
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.