बिखरे पड़े हैं कुछ सपने
नाम- उगमसिंह राजपुरोहित 'दिलीप'
जन्मतिथि- 25/07/1991
शिक्षा- एम.ए, नेट लोक प्रशासन
सम्प्रति- प्राध्यापक
प्रकाशन- भारतवर्ष की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में विभिन्न विधाओं की रचनाओं का प्रकाशन राजस्थानी काव्य संग्रह 'राजस्थानी मां आपणी' 2013 प्रकाशित
संपर्क- जागरवाल सदन ब्रहमपुरी मोहल्ला
लूनी जंक्शन-342802 जिला-जोधपुर (राज.)
मोबाईल- 08560994248
जन्मतिथि- 25/07/1991
शिक्षा- एम.ए, नेट लोक प्रशासन
सम्प्रति- प्राध्यापक
प्रकाशन- भारतवर्ष की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में विभिन्न विधाओं की रचनाओं का प्रकाशन राजस्थानी काव्य संग्रह 'राजस्थानी मां आपणी' 2013 प्रकाशित
संपर्क- जागरवाल सदन ब्रहमपुरी मोहल्ला
लूनी जंक्शन-342802 जिला-जोधपुर (राज.)
मोबाईल- 08560994248
मन के कोने में
कर लिये जतन
करने थे जितने
उनको पूरा करने में
लगता हैं तुम बिन
अधूरे हैं वो सपने भी
पर तुम भी मेरे लिए
सपना ही तो हो
सुना हैं तुम मेरे सपने
खरीदने निकले हो?
लेकिन बाजार में तो
झूठी नींद बिकती हैं
उससे भला तुम
असली सपने कैसे संजोयोगे?
तुम अपने में होकर चूर
भूल गये अर्थ अपना
मालूम नहीं शायद तुमें
मेरे सपने आते हैं
तुम तक....|
0 टिप्पणियाँ
आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.