HeaderLarge

नवीनतम रचनाएं

6/recent/ticker-posts

जावेद अख़्तर एक नाम एक पहचान [ जीवन परिचय]- अभिषेक सागर

जावेद अख़्तर का नाम देश का बहुत ही जाना-पहचाना नाम हैं। जावेद अख्तर शायर, फिल्मों के गीतकार और पटकथा लेखक तो हैं ही, सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में भी एक प्रसिद्ध हस्ती हैं। इनका जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में हुआ था। वह एक ऐसे परिवार के सदस्य हैं जिसके ज़िक्र के बिना उर्दु साहित्य का इतिहास अधुरा रह जायगा। शायरी तो पीढियों से उनके खून में दौड़ रही है।

पिता जान निसार अखतर प्रसिद्ध प्रगतिशील कवि और माता सफिया अखतर मशहूर उर्दु लेखिका तथा शिक्षिका थीं। ज़ावेदजी प्रगतिशील आंदोलन के एक और सितारे लोकप्रिय कवि मजाज़ के भांजे भी हैं। अपने दौर के प्रसिद्ध शायर मुज़्तर ख़ैराबादी जावेद जी के दादा थे। पर इतना सब होने के बावजूद जावेद का बचपन विस्थापितों सा बीता. छोटी उम्र में ही माँ का आंचल सर से उठ गया और लखनऊ में कुछ समय अपने नाना नानी के घर बिताने के बाद उन्हें अलीगढ अपने खाला के घर भेज दिया गया जहाँ के स्कूल में उनकी शुरूआती पढाई हुई। वालिद ने दूसरी शादी कर ली और कुछ दिन भोपाल में अपनी सौतेली माँ के घर रहने के बाद भोपाल शहर में उनका जीवन दोस्तों के भरोसे हो गया। यहीं कॉलेज की पढाई पूरी की और जिन्दगी के नए सबक भी सीखे।

फिल्मकार यश चोपड़ा 1981 में अपनी नई फिल्म सिलसिला के लिए गीतकार की तलाश कर रहे थे. उन दिनों जावेद अख्तर फिल्म इंडस्ट्री में बतौर संवाद लेखक अपनी पहचान बना चुके थे. यश चोपड़ा ने उन्हें सिलसिला के लिए गीत लिखने की पेशकश की और उनका गीत "देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए" और "ये कहां आ गये हम" हर जुबां पर छा गया. इस सफलता से उत्साहित जावेद अख्तर ने गीतकार के रूप में भी काम करना शुरू किया.

लखनऊ में शुरुआती पढ़ाई के बाद जावेद अख्तर ने अपनी मैट्रिक की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पूरी की. भोपाल के साफिया कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद वह अपने सपनों को नया रूप देने के लिए 1964 मे मुंबई आ गए. कुछ दिनों तक वह महज 100 रूपये के वेतन पर फिल्मों में डॉयलाग लिखने का काम करने लगे. इस दौरान उन्होंने कई फिल्मों के लिए डॉयलाग लिखे. लेकिन इनमें से कोई फिल्म बॉक्स आफिस पर सफल नहीं हुई.

फिर उनकी मुलाकात सलीम खान से हुई जो फिल्म इंडस्ट्री में बतौर संवाद लेखक अपनी पहचान बनाना चाह रहे थे. दोनों मिलकर काम करने लगे. 1970 में प्रदर्शित फिल्म अंदाज की कामयाबी के बाद जावेद अख्तर कुछ हद तक बतौर डॉयलाग रायटर फिल्म इंडस्ट्री मे अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए. इसके बाद सलीम जावेद की जोड़ी को अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने लगे. इनमें हाथी मेरे साथी, सीता और गीता, जंजीर, यादों की बारात जैसी फिल्में शामिल हैं.
सीता और गीता के निर्माण के दौरान उनकी मुलाकात अभिनेत्री हनी ईरानी से हुयी और जल्द ही जावेद अख्तर ने हनी ईरानी से निकाह कर लिया. पहली पत्नि से दो बच्ह्चे हैं- फर्हान अख्तर्, जोया अख्तर

फरहान पेशे से फिल्म प्रोदयुसर, निर्देशक्, अभिनेता, गायक हैं। जोया भी निर्देशक के रुप मेन अपने करियर कि शुरुआत कर चुकी हैं।

अस्सी के दशक में जावेद अख्तर ने हनी ईरानी से तलाक लेने के बाद शबाना आजमी से शादी कर ली.

1987 में प्रदर्शित फिल्म मिस्टर इंडिया के बाद सलीम-जावेद की सुपरहिट जोड़ी अलग हो गई. इसके बाद भी जावेद अख्तर ने फिल्मों के लिए संवाद लिखने का काम जारी रखा. जावेद अख्तर को मिले सम्मानों को देखा जाए तो उन्हें उनके गीतों के लिए आठ बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. 1999 में साहित्य के जगत में जावेद अख्तर के बहुमूल्य योगदान को देखते हुए उन्हें पदमश्री से नवाजा गया. 2007 में जावेद अख्तर को पदम भूषण सम्मान से नवाजा गया.

पेश है जावेद अख्तर की एक गज़ल 

हर ख़ुशी में कोई कमी सी है / जावेद अख़्तर

हर ख़ुशी में कोई कमी-सी है
हँसती आँखों में भी नमी-सी है

दिन भी चुप चाप सर झुकाये था
रात की नब्ज़ भी थमी-सी है

किसको समझायें किसकी बात नहीं
ज़हन और दिल में फिर ठनी-सी है

ख़्वाब था या ग़ुबार था कोई
गर्द इन पलकों पे जमी-सी है

कह गए हम ये किससे दिल की बात
शहर में एक सनसनी-सी है

हसरतें राख हो गईं लेकिन
आग अब भी कहीं दबी-सी है  

 संदर्भ : wikipedia, kavita kosh and www.dw.com



एक टिप्पणी भेजें

2 टिप्पणियाँ

  1. बहुत अच्छी जानकारी प्रस्तुति हेतु आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. फेसबुक पर

    Saira Bano, Shivkumar Shivesh, Lal Baghel और 5 अन्य को यह पसंद है.
    Shobha Yadav
    45 आपसी मित्र
    मित्र
    मित्र
    Rakesh Chandra Sharma
    43 आपसी मित्र
    मित्र
    मित्र
    Nitin Sinha
    144 आपसी मित्र
    मित्र
    मित्र
    Saira Bano
    54 आपसी मित्र
    मित्र
    मित्र
    Lal Baghel
    116 आपसी मित्र
    मित्र
    मित्र
    Shivkumar Shivesh
    51 आपसी मित्र
    मित्र
    मित्र
    Mahendra Maurya
    98 आपसी मित्र
    Sadhna Shukla

    जवाब देंहटाएं

आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

आइये कारवां बनायें...

~~~ साहित्य शिल्पी का पुस्तकालय निरंतर समृद्ध हो रहा है। इन्हें आप हमारी साईट से सीधे डाउनलोड कर के पढ सकते हैं ~~~~~~~

डाउनलोड करने के लिए चित्र पर क्लिक करें...