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तेरी गली [कविता]- शिव कुमार यादव

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अनजिये सपनों की

 शिव कुमार यादव रचनाकार परिचय:-



शिव कुमार यादव
डी. 170 – आर.एम.एस.कालोनी
टैगोर नगर / रायपुर / छत्तीसगढ़
मोबाईल- 09407625051

पहचान है, तेरी गली
आंसू नहीं, गम नहीं
मुस्कान है, तेरी गली
जज्बात के सितारों से सजी
आसमान है, तेरी गली
खोकर हम दोनों को
परेशान है, तेरी गली
आज भी बुलाती है
नादान है, तेरी गली
अहसास की तपिश लिये
अरमां है , तेरी गली
आज मैं नहीं,तुम नहीं
सुनसान है , तेरी गली
दफ़न है रिश्तों का वजूद
कब्रिस्तान है , तेरी गली

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1 टिप्पणियाँ

  1. आज भी बुलाती है
    नादान है, तेरी गली..

    अच्छी कविता

    जवाब देंहटाएं

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