"साहब, भारत में माता के नौ रूपों की पूजा होती है,"

१. पूरा नाम : महावीर उत्तरांचली
२. उपनाम : "उत्तरांचली"
३. २४ जुलाई १९७१
४. जन्मस्थान : दिल्ली
५. (1.) आग का दरिया (ग़ज़ल संग्रह, २००९) अमृत प्रकाशन से। (2.) तीन पीढ़ियां : तीन कथाकार (कथा संग्रह में प्रेमचंद, मोहन राकेश और महावीर उत्तरांचली की ४ — ४ कहानियां; संपादक : सुरंजन, २००७) मगध प्रकाशन से। (3.) आग यह बदलाव की (ग़ज़ल संग्रह, २०१३) उत्तरांचली साहित्य संस्थान से। (4.) मन में नाचे मोर है (जनक छंद, २०१३) उत्तरांचली साहित्य संस्थान से।
२. उपनाम : "उत्तरांचली"
३. २४ जुलाई १९७१
४. जन्मस्थान : दिल्ली
५. (1.) आग का दरिया (ग़ज़ल संग्रह, २००९) अमृत प्रकाशन से। (2.) तीन पीढ़ियां : तीन कथाकार (कथा संग्रह में प्रेमचंद, मोहन राकेश और महावीर उत्तरांचली की ४ — ४ कहानियां; संपादक : सुरंजन, २००७) मगध प्रकाशन से। (3.) आग यह बदलाव की (ग़ज़ल संग्रह, २०१३) उत्तरांचली साहित्य संस्थान से। (4.) मन में नाचे मोर है (जनक छंद, २०१३) उत्तरांचली साहित्य संस्थान से।
मंदिर के सामने माता की मूर्ति को नमन करते हुए राजू गाइड ने अमेरिकन टूरिस्ट से अंग्रेजी में कहा और नवरात्रों का महत्व तथा माता के रूपों का विस्तार से वर्णन करने लगा, "इतना ही नहीं साहब, यहाँ की सती स्त्रियों ने तो अपने तप के प्रभाव से यमराज के चंगुल से अपने पति के प्राण तक वापिस मांग लिए। यहाँ गाय को गौमाता कहा जाता है। और तो और नदियों तक में माता की छवि देखी जाती है जैसे मोक्षदायनी गंगा मईया, यमुना, कृष्णा, कावेरी, गोदाम्बरी, गोमती आदि। विश्व का पहला अजूबा ताजमहल शाहजहाँ और मुमताज़ के अमर प्रेम का उत्कृष्ट उद्धाहरण है," इसके बाद भी राजू गाइड उस टूरिस्ट को हिन्दुस्तान की न जाने क्या-क्या खूबियाँ गिनाने लगा और ऐसा कहते वक्त उसके चेहरे पर अति गर्व का भाव था।
"लेकिन तुम्हारे यहाँ आज भी कन्या के जन्म पर मातम क्यों मनाया जाता है," उस टूरिस्ट ने बड़ी गंभीरतापूर्वक कहा।
"प ... प ... पता नहीं साहब," सिर खुजाते हुए राजू गाइड बड़ी मुश्किल से बोल पाया था और अगले ही पल उसके हिंदुस्तानी होने का गौरव न जाने कहाँ गुम हो गया।
"रिलेक्स राजू गाइड तुम तो सीरियस हो गए, मै तो यूँ ही मज़ाक में पूछ रहा था," कहकर उस टूरिस्ट ने एक ज़ोरदार ठहाका लगाया। साथ देने के लिए राजू भी हंसा, मगर उसका चेहरा उसकी हंसी में बाधक था।
8 टिप्पणियाँ
बेहतरीन लघुकथा
जवाब देंहटाएंpandit ji aabhari hun!
हटाएंठहाको मे बहुत ही गहरी बात कह दी....अच्छी लघुकथा
जवाब देंहटाएंTanks Ramesh ji
हटाएंकटु सत्य
जवाब देंहटाएंDhanywad! Rachana ji
हटाएं(h) बहुत अचछी लघुकथा ....
जवाब देंहटाएंJio Mukesh Bhai
हटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.