1-नाम – शोभा जैन
2-जन्म तिथि - ०४ सितम्बर १९८२ हरदा [जिला] मध्यप्रदेश
3-शिक्षा – एम.ए.[हिन्दीसाहित्य] पी-एच.डी.रिसर्च स्कालर शोध विषय -
[हिंदी साहित्य की विविध विधाओं में डॉ.प्रभात कुमार भट्टाचार्य का योगदान ]
4-कार्य क्षेत्र – एक शोधार्थी के रूप में, एवं मुख्य रूप से आलेख,लघु कहानी,कविताओं,शोध पत्र लेखन में सक्रीय।
5-प्रकाशन -- लघु कहानी-‘किशोर मन का प्रेम’ –राष्ट्रीय ‘समावर्तन’ मासिक पत्रिका अंक जनवरी २०१६,आलेख –सोशल साईट्स और लोकव्यवहार- साहित्य कुञ्ज मासिक पत्रिका अंक मार्च २०१६, दो लम्बी कवितायेँ –रचनाकर अंतर्जाल पत्रिका में प्रकाशित अंक फरवरी २०१६ तथा मुद्रित अमुद्रित पत्र-पत्रिकाओं प्रकाशन एवं ‘स्थानीय अखबार व्हाईस आफ हरदा’ में २००० से २००२ तक निरंतर प्रकाशन |
5-संपर्क – ‘शुभाशीष’, सर्वसम्पन्न नगर इंदौर, मध्यप्रदेश
6 – मोबाईल नम्बर-9977744555
7- ईमेल-idealshobha1@gmail.com
मैं कोई कविता नहीं
न ही तुम्हारे जीवन का छंद ।
जिसे पढ़कर तुम मुदित हो जाते हो,
मुदित करते हो ओरो को ।
मैं वो प्रसंग भी नहीं,
जो चर्चा का विषय बन जाय।
न ही किसी के जीवन का रंगमंच
जिसे देखने भीड़ जमा हो जाय
मैं महाकाव्य हूँ।
जिसे पढ़ पाना ,
पढ़ कर समझ पाना,
किसी के महाकवि होने का प्रमाण है।
5 टिप्पणियाँ
बहुत सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शोभा जैन जी ! विचार उत्तम हो तो 'कवि और कवि की कविता' की तुलना तुलनात्मक तरीके से करने में विविध विचारों में भिन्नता का होना स्वाभाविक हो जाता है ....
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता...
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना !
जवाब देंहटाएंलेकिन कुछ मात्राओं की त्रुटि है ।
बधाई ।
अवनीश तिवारी
शोभा जी ये कविता बहुत ही सशक्त है
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.