
यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि द्वितीय “मिनीमाता फाउंडेशन सम्मान 2016” साहित्य शिल्पी के राजीव रंजन प्रसाद जी को उनके उपन्यास 'आमचो बस्तर’ पर दिया जा रहा है। यह सम्मान पीडित मानवता के लिए समर्पित, कई भाषाओं की ज्ञाता, देश की प्रथम लोकसभा की सदस्या ममतामयी मिनीमाता जी की स्मृति में मिनीमाता फाउंडेशन, छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा प्रारंभ किया गया है। उन्हे यह सम्मान सृजन गाथा डॉट कॉम के संयोजन में आयोजित 12 वें अंतराष्ट्रीय हिंदी सम्मलेन (असम-शिलांग 21 मई-30 मई) में प्रदान किया जायेगा।
राजीव रंजन प्रसाद जी विद्वान चयन समिति ( ख्यात कथाकार तेजिन्दर, वरिष्ठ समीक्षक डॉ. सुशील त्रिवेदी, वरिष्ठ संपादक श्री गिरीश पंकज, मिनीमाता फाउंडेशन के निदेशक श्री रामशरण टंडन, जयप्रकाश मानस ) की अनुशंसा के शब्दों से उत्साहित है जिसके अनुसार – “आमचो बस्तर’ मुख्यधारा से कटे-टूटे बस्तर के उन आदिम वनपुत्रों की दुर्निवार पीड़ा का जीवंत इतिहास है जो अपनी ही धरती, पानी, हवा और आकाश के मध्य आज निसहाय संघर्षरत हैं । यह हिंदी में विचारधाराओं के द्वंद्व के मध्य आदिवासियों की मूल और मानववादी आवाज़ की पूरज़ोर वकालत करने वाला महत्वपूर्ण उपन्यास है ।’’
राजीव रंजन प्रसाद जी विद्वान चयन समिति ( ख्यात कथाकार तेजिन्दर, वरिष्ठ समीक्षक डॉ. सुशील त्रिवेदी, वरिष्ठ संपादक श्री गिरीश पंकज, मिनीमाता फाउंडेशन के निदेशक श्री रामशरण टंडन, जयप्रकाश मानस ) की अनुशंसा के शब्दों से उत्साहित है जिसके अनुसार – “आमचो बस्तर’ मुख्यधारा से कटे-टूटे बस्तर के उन आदिम वनपुत्रों की दुर्निवार पीड़ा का जीवंत इतिहास है जो अपनी ही धरती, पानी, हवा और आकाश के मध्य आज निसहाय संघर्षरत हैं । यह हिंदी में विचारधाराओं के द्वंद्व के मध्य आदिवासियों की मूल और मानववादी आवाज़ की पूरज़ोर वकालत करने वाला महत्वपूर्ण उपन्यास है ।’’
1 टिप्पणियाँ
राजीव जी...बधाई
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