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महिया [कविता] - प्राण शर्मा

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प्राण शर्मा रचनाकार परिचय:-



प्राण शर्मा वरिष्ठ लेखक और प्रसिद्ध शायर हैं और इन दिनों ब्रिटेन में अवस्थित हैं। आप ग़ज़ल के जाने मानें उस्तादों में गिने जाते हैं। आप के "गज़ल कहता हूँ' और 'सुराही' काव्य संग्रह प्रकाशित हैं, साथ ही साथ अंतर्जाल पर भी आप सक्रिय हैं।


मौसम ने दस्तक दी
नगरी-नगरी में
वर्षा ऋतु आने की
+
सच्ची है ख़बर आई
बादल ने देखो
नभ में ली अँगड़ाई
+
मेघों की क़तारों में
अच्छा लगा सावन
पहली बौछारों में
+
पंछी भी चहकने लगे
बादल क्या बरसे
पत्थर भी महकने लगे
+
महकी है पुरवाई
बिस्मिल्लाह खां की
रस घोले शहनाई
+
सुख की हर नाव बहे
छत न गिरे कोई
मेघो ये ध्यान रहे

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