नाम-- शामिख फ़राज़
जन्मतिथि व जन्मस्थान-- 24.02.1987 को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में.
शिक्षा-- यू० पी० टेक्नीकल यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर ऍप्लिकेशन, उत्तराखंड टेक्नीकल यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ़ टेक्नोलोजी में अध्यनरत .
साहित्य के अतिरिक्त रुचियाँ-- दर्शन शास्त्र, आत्मकथाएं पढ़ना, ऐतिहासिक नगरों को घूमना।
पसंदीदा कवि-- डॉ. इकबाल, गुलज़ार, अहमद फ़राज़, साहिर लुध्यान्वी .
आदर्श-- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम.
मुझे वैज्ञानिक सोच के पिता और धार्मिक स्वभाव की माँ से अच्छा
व्यवहारिक ज्ञान मिला. मैंने अपने लेखन कि शुरुआत वर्ष 2002 से की थी .मेरा मानना है कि "Writting is not a profession but it is the vocation of unhappiness"
जन्मतिथि व जन्मस्थान-- 24.02.1987 को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में.
शिक्षा-- यू० पी० टेक्नीकल यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर ऍप्लिकेशन, उत्तराखंड टेक्नीकल यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ़ टेक्नोलोजी में अध्यनरत .
साहित्य के अतिरिक्त रुचियाँ-- दर्शन शास्त्र, आत्मकथाएं पढ़ना, ऐतिहासिक नगरों को घूमना।
पसंदीदा कवि-- डॉ. इकबाल, गुलज़ार, अहमद फ़राज़, साहिर लुध्यान्वी .
आदर्श-- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम.
मुझे वैज्ञानिक सोच के पिता और धार्मिक स्वभाव की माँ से अच्छा
व्यवहारिक ज्ञान मिला. मैंने अपने लेखन कि शुरुआत वर्ष 2002 से की थी .मेरा मानना है कि "Writting is not a profession but it is the vocation of unhappiness"
3. "एक नज़्म लिखी है मैंने "
अपने प्यार को स्याही में मिला कर
और स्याही को जोरों से हिला कर
ताकि स्याही की हर बूँद में घुल जाए प्यार
फिर लाया हूँ लफ्जों को बुला बुला कर
कुछ इस तरह अपने प्यार से
तुम्हारी याद में एक नज़्म लिखी है मैंने
4. "तेरी यादों ने"
तेरी यादों ने पिघला दिया
मुझे कुछ इस तरह
कि जैसे सूरज को दोनों तरफ
से छुआ हो मैंने
5. "कुछ यूँ"
तेरी बातों को बना कर तेरी यादें
तेरी यादों को ढला कर लफ्ज़ों में
लफ़्ज़ों को फिर बिखराया डायरी में
कुछ यूँ तुझ से जुडी हर
बात को संजो रखा है मैंने
2 टिप्पणियाँ
sabhi kavita ek se badhakar ek hain, khas kar 5 no. vali "khuch yu"
जवाब देंहटाएंसारी कवितायेँ बहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.