HeaderLarge

नवीनतम रचनाएं

6/recent/ticker-posts

सेवकपुर [लघुकथा]- आलोक कुमार सातपुते

IMAGE1


 आलोक कुमार सातपुते रचनाकार परिचय:-


आलोक कुमार सातपुते
832 हाउसिंग बोर्ड कालोनी सड्डू रायपुर छग
मोबाइल नं 09827406575




उसे देष में राजशाही की परम्परा थी, और राजा बड़ा ही अलोकप्रिय हो चला था। आस-पास के दूसरे देषों में लोकतंत्र की बयार बह रही थी। उस देष के लोग भी अपने यहां लोकतंत्र लागू करवाना चाह रहे थे, और इस हेतु क्रान्ति के लिये माहौल बनाने में जुटे हुए थे। परेषान राजा ने राजगुरू से सलाह ली। राजगुरू की सलाह पर राजा ने खुद को प्रजा का सेवक घोषित कर दिया। राजदरबारी अब षासकीय सेवक हो गये। कुछ समाजसेवक तो पहले ही थे । अब एन.जी.ओ. भी समाज की सेवा की दुकान लगाने लगे । और तो और, प्रजा का खून चूसने वाले व्यापारी भी खुद को सेवक कहने लगे। आम जनता में भी कई तरह के सेवक पैदा हो गये। राज्य में जो जितना अधिक सम्पन्न था वो उतना ही बड़ा सेवक माना जाने लगा। इस तरह उस राज्य में लोकतंत्रात्मक राजशाही क़ायम हो गयी, और जन-भावना के मद्देनज़र उस दे का नाम सेवकपुर रख दिया गया।
 

आलोक कुमार सातपुते
रायपुर

एक टिप्पणी भेजें

2 टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही बढ़िया लघुकथा— मेरे देश के सभी गांव सेवकपुर हो जाये तो कितना अच्छा होगा...
    charichugli.blogspot.in
    chahalkadami.blogspot.in

    जवाब देंहटाएं

आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

आइये कारवां बनायें...

~~~ साहित्य शिल्पी का पुस्तकालय निरंतर समृद्ध हो रहा है। इन्हें आप हमारी साईट से सीधे डाउनलोड कर के पढ सकते हैं ~~~~~~~

डाउनलोड करने के लिए चित्र पर क्लिक करें...