प्रखर मालवीय
जन्म स्थान- आज़मगढ़ (उत्तरप्रदेश)
शिक्षा- प्रारंभिक शिक्षा आजमगढ़ से हुई। बरेली कॉलेज बरेली से B.COM और शिब्ली नेशनल कॉलेज, आजमगढ़ से M.COM की डिग्री हासिल की। वर्तमान में CA की ट्रेनिंग नॉएडा से कर रहे हैं।
प्रकाशन- अमर उजाला, हिंदुस्तान, हिमतरू, गृहलक्ष्मी, कादम्बनी इत्यादि पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
'दस्तक' और 'ग़ज़ल के फलक पर' नाम से दो साझा ग़ज़ल संकलन भी प्रकाशित हो चुके हैं।
संपर्क- चौबे बरोही, रसूलपुर नन्दलाल, आजमगढ़ (उत्तरप्रदेश)
वर्तमान निवास- दिल्ली
जन्म स्थान- आज़मगढ़ (उत्तरप्रदेश)
शिक्षा- प्रारंभिक शिक्षा आजमगढ़ से हुई। बरेली कॉलेज बरेली से B.COM और शिब्ली नेशनल कॉलेज, आजमगढ़ से M.COM की डिग्री हासिल की। वर्तमान में CA की ट्रेनिंग नॉएडा से कर रहे हैं।
प्रकाशन- अमर उजाला, हिंदुस्तान, हिमतरू, गृहलक्ष्मी, कादम्बनी इत्यादि पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
'दस्तक' और 'ग़ज़ल के फलक पर' नाम से दो साझा ग़ज़ल संकलन भी प्रकाशित हो चुके हैं।
संपर्क- चौबे बरोही, रसूलपुर नन्दलाल, आजमगढ़ (उत्तरप्रदेश)
वर्तमान निवास- दिल्ली
इश्क़ का रोग भला कैसे पलेगा मुझसे
क़त्ल होता ही नहीं यार अना का मुझसे
गर्म पानी की नदी खुल गयी सीने पे मेरे
कल गले लग के बड़ी देर वो रोया मुझसे
मैं बताता हूँ कुछेक दिन से सभी को कमतर
साहिबो ! उठ गया क्या मेरा भरोसा मुझसे
इक तेरा ख़ाब ही काफ़ी है मिरे उड़ने को
रश्क करता है मेरी जान परिंदा मुझसे
यक ब यक डूब गया अश्कों के दरिया में मैं
बाँध यादों का तेरी आज जो टूटा मुझसे
किसी पत्थर से दबी है मेरी हर इक धड़कन
सीख लो ज़ब्त का जो भी है सलीक़ा मुझसे
कोई दरवाजा नहीं खुलता मगर जान मेरी
बात करता है तेरे घर का दरीचा मुझसे
बुझ गया मैं तो ग़ज़ल पढ़ के वो जिसमें तू था
पर हुआ बज़्म की रौनक़ में इज़ाफ़ा मुझसे
1 टिप्पणियाँ
prakhar ji bahot badhiya gajhal
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