नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेला में साहित्यकार राजीव रंजन प्रसाद की अनेक पुस्तकों का विमोचन किया गया।
दिनांक 13.01.2017 को गोवा की राज्यपाल महामहिम मृदुला सिन्हा ने राजीव की दो महत्वपूर्ण पुस्तकों “प्रगतिशील कृषि के स्वर्णाक्षर – डॉ. नारायण चावड़ा” तथा “बस्तर – पर्यटन एवं सम्भावनायें” का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर बोलते हुए महामहिम राज्यपाल ने कहा कि राजीव की ये पुस्तकें समाज को एक नई दिशा देने में सक्षम होंगी। उन्होंने कहा कि इन विषयों पर बहुत कम लिखा हुआ है अतः इनका प्रकाशन दायित्व का कार्य है। राजीव की पुस्तक “प्रगतिशील कृषि के स्वर्णाक्षर - डॉ नारायण चावड़ा” छत्तीसगढ के एक प्रगतिशील किसान के जीवन संघर्षों पर आधारित है। आज के दौर में जहाँ किसानों के आत्महत्या करने की घटनाएं निरंतर सामने आ रही हैं ऐसे में फर्श से अर्श तक पहुँचे एक किसान के जीवन और संघर्षों पर लिखी गई यह किताब प्रेरणा का कारण बन सकती है। बस्तर की पृष्ठभूमि पर निरंतर लेखन कर रहे साहित्यकार राजीव रंजन प्रसाद ने अपनी नवीनतम कृति “बस्तर - पर्यटन एवं संभावनायें” में छत्तीसगढ के बस्तर संभाग के अंतर्गत आने वाले अनेक जाने-अनजाने, ज्ञात-अज्ञात किंतु पर्यटन के दृष्टिगत महत्वपूर्ण क्षेत्रों का सविस्तार वर्णन किया है। पुस्तक बस्तर अंचल में पर्यटन की संभावनाओं को विस्तार देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
विश्व पुस्तक मेले में दिनांक 12 जनवरी को भी राजीव की तीन पुस्तकों क्रमशः - “मैं फिर लौटूंगा अश्वत्थामा” (यात्रा वृतांत), “खंडहर” (नाटक) तथा “आमचो बस्तर” उपन्यास के छठवे संस्करण का लोकार्पण भी किया गया था। उनकी पुस्तकों के लोकार्पण के अवसर पर डॉ. कमल किशोर गोयंका, उपाध्यक्ष केंद्रीय हिंदी संस्थान; श्री आनंदवर्धन शर्मा, प्रो-वाइस चांसलर, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा; श्री गिरीश पंकज, वरिष्ठ साहित्यकार; प्रो. सत्यकाम, प्रोफेसर, इंदिरागाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय; प्रवक्ता डॉट कॉम के सम्पादक श्री संजीव सिन्हा तथा श्री शिवानन्द द्विवेदी सहर आदि समुपस्थित थे।
================
1 टिप्पणियाँ
sabhi ko badhayi
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.