डॉ. भावना
जन्म -20 फरवरी, 1976
प्रकाशित कृतियाँ -
हम्मर लेहू तोहर देह (बज्जिका कविता -संग्रह ), 2011
अक्स कोई तुम -सा (ग़ज़ल -संग्रह ), 2012
शब्दों की कीमत (ग़ज़ल -संग्रह ), 2015
सपनों को मरने मत देना (काव्य -संग्रह ), 2015
सम्मान
- राजभाषा विभाग (बिहार सरकार )से पाण्डुलिपी पुरस्कार ,2014
- अखिल भारतीय अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति प्रतिष्ठा पुरस्कार 2016 (ग़ज़ल -संग्रह शब्दों की कीमत के लिए )
- लिच्छवी महोत्सव सम्मान 2016
- अयोध्या प्रसाद खत्री सम्मान इत्यादि
प्रकाशित रचनाएँ
- विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में कविता ,आलेख ,गज़लें व समीक्षाएं निरंतर प्रकाशित
- दूरदर्शन से रचनाओं का निरन्तर प्रसारण एवं मंच -संचालन
शिक्षा -एम.एस सी (रसायन -शास्त्र ),पी.एच -डी बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय ,एल.एल.बी ,डी.एन.एच.इ
जन्म -20 फरवरी, 1976
प्रकाशित कृतियाँ -
हम्मर लेहू तोहर देह (बज्जिका कविता -संग्रह ), 2011
अक्स कोई तुम -सा (ग़ज़ल -संग्रह ), 2012
शब्दों की कीमत (ग़ज़ल -संग्रह ), 2015
सपनों को मरने मत देना (काव्य -संग्रह ), 2015
सम्मान
- राजभाषा विभाग (बिहार सरकार )से पाण्डुलिपी पुरस्कार ,2014
- अखिल भारतीय अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति प्रतिष्ठा पुरस्कार 2016 (ग़ज़ल -संग्रह शब्दों की कीमत के लिए )
- लिच्छवी महोत्सव सम्मान 2016
- अयोध्या प्रसाद खत्री सम्मान इत्यादि
प्रकाशित रचनाएँ
- विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में कविता ,आलेख ,गज़लें व समीक्षाएं निरंतर प्रकाशित
- दूरदर्शन से रचनाओं का निरन्तर प्रसारण एवं मंच -संचालन
शिक्षा -एम.एस सी (रसायन -शास्त्र ),पी.एच -डी बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय ,एल.एल.बी ,डी.एन.एच.इ
कि मोर की तड़प को महसूस
उमड़ता है बादल
या बादल को उमड़ते देख
नाचने लगते हैं मोर
यह जरुरी नहीं जानना
कि सूरजमुखी के प्रेम की खातिर
फिर -फिर निकलता है सूरज
या सूरज के प्रेम की खातिर
खिलने को व्याकुल हो जाता है सूरजमुखी
यह जरुरी नहीं जानना
कि पूनम के चाँद को देख
समुन्दर की लहरें
क्यों हो जाती है बेकाबू
या लहरों के आवेग को देख
चाँद उसे निहारता है अपलक
जरुरी है जानना
कि कैसे पेट के भूगोल में उलझ कर
हमने बेच दी हैं संवेदनाएं
खो दिया है प्रेम
हाँ ,वही प्रेम
जो तुलसी के पौधों में समा
बिराजता था हमारे आँगन
जिसमें लोटा -भर जल डाल देने से ही
कुछ और हरिया जाता था
घर के सदस्यों का प्रेम
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