
कवि दीपक शर्मा
चंदौसी, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश
मोबाईल: ९९७१६९३१३१ ई मेल- deepakshandiliya@gmail.com,kavyadharateam@gmail.com
चंदौसी, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश
मोबाईल: ९९७१६९३१३१ ई मेल- deepakshandiliya@gmail.com,kavyadharateam@gmail.com
" ज़ुल्म कितना ही सबल हो,
तम हो कितना ही प्रबल
झूठ फरेब,मक्कारियों के,
हो संघठित कितने ही दल।
जाल कितना ही महीन चाहे,
मिलकर बुने कुसंगतियाँ,
चाल कैसी भी चले
चाहें हो एकजुट दुश्प्रव्रतियाँ।
पर सत्य की जब एक किरण,
सिर अपना कहीं उठाती है
चीर कर सीना तिमिर का,
बस दीप्ति मुस्कुराती है।
दीप्ति मुस्कुराती हैं
दीप्ति मुस्कुराती हैं
दीप्ति मुस्कुराती हैं
कवि दीपक शर्मा
सर्वाधिकार @कवि दीपक शर्मा
1 टिप्पणियाँ
Kya baat hai, bahut khub!!
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.