नाम- बृजेश नीरज
पिता- स्व0 जगदीश नारायण सिंह गौतम
माता- स्व0 अवध राजी
जन्मतिथि- 19-08-1966
जन्म स्थान- लखनऊ, उत्तर प्रदेश
ईमेल- brijeshkrsingh19@gmail.como
निवास- 65/44, शंकर पुरी, छितवापुर रोड, लखनऊ- 226001
सम्प्रति- उ0प्र0 सरकार की सेवा में कार्यरत
प्रकाशित कृतियाँ- कोहरा सूरज धूप (कविता संग्रह), राजनीति के रंग (आलेख संग्रह), कतरा-कतरा एहसास (काव्य संग्रह), आँख भर आकाश (काव्य संग्रह), वे तीसरी दुनिया के लोग (कविता संग्रह)
साझा संकलन- त्रिसुगंधि (बोधि प्रकाशन), परों को खोलते हुए-1 (अंजुमन प्रकाशन), क्योंकि हम जिन्दा हैं (ज्ञानोदय प्रकाशन), काव्य सुगंध-२ (अनुराधा प्रकाशन), अनुभूति के इन्द्रधनुष (अमर भारती), सरगम
संपादन- कविता संकलन- ‘सारांश समय का’
ई-पत्रिका- शब्द व्यंजना
सम्मान- विमला देवी स्मृति सम्मान २०१३
पिता- स्व0 जगदीश नारायण सिंह गौतम
माता- स्व0 अवध राजी
जन्मतिथि- 19-08-1966
जन्म स्थान- लखनऊ, उत्तर प्रदेश
ईमेल- brijeshkrsingh19@gmail.como
निवास- 65/44, शंकर पुरी, छितवापुर रोड, लखनऊ- 226001
सम्प्रति- उ0प्र0 सरकार की सेवा में कार्यरत
प्रकाशित कृतियाँ- कोहरा सूरज धूप (कविता संग्रह), राजनीति के रंग (आलेख संग्रह), कतरा-कतरा एहसास (काव्य संग्रह), आँख भर आकाश (काव्य संग्रह), वे तीसरी दुनिया के लोग (कविता संग्रह)
साझा संकलन- त्रिसुगंधि (बोधि प्रकाशन), परों को खोलते हुए-1 (अंजुमन प्रकाशन), क्योंकि हम जिन्दा हैं (ज्ञानोदय प्रकाशन), काव्य सुगंध-२ (अनुराधा प्रकाशन), अनुभूति के इन्द्रधनुष (अमर भारती), सरगम
संपादन- कविता संकलन- ‘सारांश समय का’
ई-पत्रिका- शब्द व्यंजना
सम्मान- विमला देवी स्मृति सम्मान २०१३
हम स्वप्न नहीं देखते
खेतों में बची खूँटियाँ उखाड़ते
मेढ़ों को साधते
समय ही नहीं बचता
सपने देखने का
किसी अनजानी उम्मीद में
रोप देते हैं धान खेतों में
बारिश की आस में
रोटी की महक के सहारे
उगाते हैं गेहूँ
1 टिप्पणियाँ
कमाल का कहन ... अंतिम पंक्ति कविता को धमक के साथ ऊँचाई पर ले जाती है
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.