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एक कविता [कविता]- ज्योत्सना सक्सेना

रचनाकाररचनाकार परिचय:-

ज्योत्सना सक्सेना
शिक्षा ; एम. एस . सी ( गृह- प्रबंध ) एम. ए (अर्थशास्त्र ) बी . एड
संप्रति - प्रधानाचार्य रा . उच्च .मा. विद्यालय सवना , भिंडर ,उदयपुर संपर्क - 10/ 697 , कावेरी पथ , मानसरोवर जयपुर 302020
Eमेल ; jyotsna. saxena1963@gmail.com
phone - 09829577660
प्रकाशन ; सिटी भास्कर , दैनिक भास्कर मधुरिमा ,नवभारत , नवीन दुनिया नारी निकुंज, साप्ताहिक कॉलम लेखन (सन स्टार रायपुर ) , बिंदिया मासिक पत्रिका , अंजुम मासिक पत्रिका , युग गरिमा .साध व्यूज़ मासिक पत्रिका एवं अनेक पत्र पत्रिकाओं में लगभग २५ वर्षों से कविता , कहानी एवं लेखों का प्रकाशन कवितासंग्रह : अजुरी भर हरसिंगार ( बोधिप्रकाशन ) , शुभमस्तु २ (साझा संकलन ) एवं सहोदरी सोपान ( साझा संकलन ),शब्दों के रंग ( साझा संकलन )

विपरीत हवाओं में साहस की पतवार
तप्त रेत में मुस्कुराते मेघों की पदचाप
कुदरत का हर तिनका अपने आप में है एक कविता ----
मयूरी सा मन नर्तन अदाकारी का उल्लास
गौरैया सा चहकना चींटी सा विश्वास
बगुलों की पांत छापती है नभ में एक कविता ----
गदराये पलाश संवेदनाओं का ताप
कोयल आलाप लहराते आम्रपल्लव
फागणी बयार में इतराती है एक कविता ----
मुट्ठी में चाँद तारों की ओढ़नी
लबालब ख़ुशी में ज्योत्स्ना
इन्द्रधनुष वितान में झुलाती है एक कविता ----
रस में रास में भक्ति और श्रृंगार में
ओज हो सेज हो सुदामा का वेश हो
कान्हा की मुरलिया बन जाती है एक कविता ----
यक्ष यक्षिणी का शाश्वत संवाद हो
प्रणयी कपोत का स्पर्श नाद हो
दिगंतराल तक माधुर्य फैलाती है एक कविता ----
--ज्योत्सना सक्सेना




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