प्रखर मालवीय
जन्म स्थान- आज़मगढ़ (उत्तरप्रदेश)
शिक्षा- प्रारंभिक शिक्षा आजमगढ़ से हुई। बरेली कॉलेज बरेली से B.COM और शिब्ली नेशनल कॉलेज, आजमगढ़ से M.COM की डिग्री हासिल की। वर्तमान में CA की ट्रेनिंग नॉएडा से कर रहे हैं।
प्रकाशन- अमर उजाला, हिंदुस्तान, हिमतरू, गृहलक्ष्मी, कादम्बनी इत्यादि पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
'दस्तक' और 'ग़ज़ल के फलक पर' नाम से दो साझा ग़ज़ल संकलन भी प्रकाशित हो चुके हैं।
संपर्क- चौबे बरोही, रसूलपुर नन्दलाल, आजमगढ़ (उत्तरप्रदेश)
वर्तमान निवास- दिल्ली
जन्म स्थान- आज़मगढ़ (उत्तरप्रदेश)
शिक्षा- प्रारंभिक शिक्षा आजमगढ़ से हुई। बरेली कॉलेज बरेली से B.COM और शिब्ली नेशनल कॉलेज, आजमगढ़ से M.COM की डिग्री हासिल की। वर्तमान में CA की ट्रेनिंग नॉएडा से कर रहे हैं।
प्रकाशन- अमर उजाला, हिंदुस्तान, हिमतरू, गृहलक्ष्मी, कादम्बनी इत्यादि पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
'दस्तक' और 'ग़ज़ल के फलक पर' नाम से दो साझा ग़ज़ल संकलन भी प्रकाशित हो चुके हैं।
संपर्क- चौबे बरोही, रसूलपुर नन्दलाल, आजमगढ़ (उत्तरप्रदेश)
वर्तमान निवास- दिल्ली
कहीं जीने से मैं डरने लगा तो….?
अज़ल के वक़्त ही घबरा गया तो ?
ये दुनिया अश्क से ग़म नापती है
अगर मैं ज़ब्त करके रह गया तो….?
ख़ुशी से नींद में ही चल बसूंगा
वो गर ख़्वाबों में ही मेरा हुआ तो…
ये ऊंची बिल्डिंगें हैं जिसके दम से
वो ख़ुद फुटपाथ पर सोया मिला तो….?
मैं बरसों से जो अब तक कह न पाया
लबों तक फिर वही आकर रूका तो….?
क़रीने से सजा कमरा है जिसका
वो ख़ुद अंदर से गर बिखरा मिला तो ?
लकीरों से हैं मेरे हाथ ख़ाली
मगर फिर भी जो वो मुझको मिला तो ?
यहां हर शख़्स रो देगा यक़ीनन
ग़ज़ल गर मैं यूं ही कहता रहा तो…..
सफ़र जारी है जिसके दम पे `कान्हा
अगर नाराज़ वो जूगनू हुआ तो?
1 टिप्पणियाँ
ये दुनिया अश्क से ग़म नापती है
जवाब देंहटाएंअगर मैं ज़ब्त करके रह गया तो….?
आपकी द्वारा लिखी गयी उपरोक्त मुझे बहुत पसंद आयी, इस कथन में सच्चाई पेश की गयी है ! जनाब, मर्द वही है जो ग़म को अश्क में न बदलकर उसे पी जाता है ! यह काम कोई आसान काम नहीं है !
दिनेश चन्द्र पुरोहित dineshchandrapurohit2@gmail.com
आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.