रचनाकार परिचय:-
महेन्द्र देवांगन "माटी"
गोपीबंद पारा पंडरिया
जिला -- कबीरधाम (छ ग )
पिन - 491559
मो नं -- 8602407353
Email - mahendradewanganmati@gmail.com
महेन्द्र देवांगन "माटी"
गोपीबंद पारा पंडरिया
जिला -- कबीरधाम (छ ग )
पिन - 491559
मो नं -- 8602407353
Email - mahendradewanganmati@gmail.com
(1) पेड़ लगाओ
फल फूल भी खाओ
मौज मनाओ ।
(2) चलते राही
छांव मिले न कहीं
कटते पेड़ ।
(3) जंगल साफ
माफियाओं का राज
आते न बाज ।
(4) टूटी है डाली
कैसे बचाये माली
क्यों देते गाली ।
(5) जल बचाओ
गली में न बहाओ
प्यास बुझाओ ।
2 टिप्पणियाँ
बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ !
जवाब देंहटाएंआभार। "एकलव्य"
जो नहीं सोचा इस बारे में ,
जवाब देंहटाएंतो होगा छल आगामी पीढ़ी के साथ ।
आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.