
सुशील कुमार शर्मा व्यवहारिक भूगर्भ शास्त्र और अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक हैं। इसके साथ ही आपने बी.एड. की उपाधि भी प्राप्त की है। आप वर्तमान में शासकीय आदर्श उच्च माध्य विद्यालय, गाडरवारा, मध्य प्रदेश में वरिष्ठ अध्यापक (अंग्रेजी) के पद पर कार्यरत हैं। आप एक उत्कृष्ट शिक्षा शास्त्री के आलावा सामाजिक एवं वैज्ञानिक मुद्दों पर चिंतन करने वाले लेखक के रूप में जाने जाते हैं| अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में शिक्षा से सम्बंधित आलेख प्रकाशित होते रहे हैं |
आपकी रचनाएं समय-समय पर देशबंधु पत्र ,साईंटिफिक वर्ल्ड ,हिंदी वर्ल्ड, साहित्य शिल्पी ,रचना कार ,काव्यसागर, स्वर्गविभा एवं अन्य वेबसाइटो पर एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।
आपको विभिन्न सम्मानों से पुरुष्कृत किया जा चुका है जिनमे प्रमुख हैं
1.विपिन जोशी रास्ट्रीय शिक्षक सम्मान "द्रोणाचार्य "सम्मान 2012
2.उर्स कमेटी गाडरवारा द्वारा सद्भावना सम्मान 2007
3.कुष्ट रोग उन्मूलन के लिए नरसिंहपुर जिला द्वारा सम्मान 2002
4.नशामुक्ति अभियान के लिए सम्मानित 2009
इसके आलावा आप पर्यावरण ,विज्ञान, शिक्षा एवं समाज के सरोकारों पर नियमित लेखन कर रहे हैं |
कृष्ण कृष्ण तन आज हुआ
सुशील शर्मा
कृष्ण कृष्ण तन आज हुआ है
राधा राधा मन चहका ।
सुरभित पुलकित मन है मेरा
बगिया सा जीवन महका।
अंतर्मन की मधुर बेल पर
कान्हा कान्हा पुष्प खिले
नव सर्जित पुष्पित अभिलाषा
राधा राधा प्रेम मिले।
कृष्ण कर्म के हैं अधिष्ठाता
राधा प्रेम की मर्यादा
कृष्ण समर्पित जीवन जैसे
राधा जीवन का वादा।
जीवन का उत्सव हैं राधा
कृष्ण सत्य का भान सखे।
बरसाने की लली हैं राधा
कृष्ण हैं बृज का मान सखे।
कृष्ण रहें राधा बनकर
राधा कृष्ण के अंदर हैं।
राधा इठलाती सी नदिया
कृष्ण आलंगित समंदर हैं।
मुरलीधर ने मुरली त्यागी
राधा को उपहार दिया।
जीवन की सारी खुशियों को
राधा पर ही वारि दिया।
प्रेम नहीं पाना होता है।
राधा ने यह सिद्ध किया।
कृष्ण से त्यागी परमेश्वर को।
त्याग से मन आबद्ध किया।
2 टिप्पणियाँ
सुन्दर अभिव्यक्ति ,आभार "एकलव्य"
जवाब देंहटाएंaapka aabhar
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.