रचनाकार परिचय:-
--बृज राज किशोर 'राहगीर'
पता: ईशा अपार्टमेंट, रूड़की रोड, मेरठ (उ.प्र.)
e mail:- brkishore@me.com
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किस दिशा में जा रहे हैं लोग।
एक अच्छा सा मदारी
ढूँढते हैं
मानकर भगवान उसको
पूजते हैं
ख़ूब दिल बहला रहे हैं लोग।
एक रोटी जो किसी को
दे न पायें
किसी बाबा के लिए
सब कुछ लुटायें
धर्मध्वज फहरा रहे हैं लोग।
हर तरफ़ फैले हुए हैं
जाल भ्रम के
आइये, देंगे सभी कुछ
बिना श्रम के
आँख मूँदे आ रहे हैं लोग।
धर्म का चोला पहन
हिंसा कराना
देश के क़ानून को
ठेंगा दिखाना
सन्त यूँ कहला रहे हैं लोग।
--बृज राज किशोर 'राहगीर'
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