HeaderLarge

नवीनतम रचनाएं

6/recent/ticker-posts

यथार्थ [कविता] - डॉ महेन्द्र भटनागर

IMAGE1

 डा. महेंद्र भटनागर रचनाकार परिचय:-


डा. महेंद्रभटनागर
सर्जना-भवन, 110 बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर -- 474 002 [म. प्र.]

फ़ोन : 0751-4092908 / मो. 98 934 09793
E-Mail : drmahendra02@gmail.com
drmahendrabh@rediffmail.com




राह का
नहीं है अंत
चलते रहेंगे हम,
दूर तक फैला अँधेरा
नहीं होगा ज़रा भी कम,
टिमटिमाते दीप-से
अहर्निश
जलते रहेंगे हम!
साँसें मिली हैें
मात्र गिनती की
अचानक एक दिन
धड़कन हृदय की जायगी थम!
समझते-बूझते सब
मृत्यु को छलते रहेंगे हम।
हर चरण पर
मंिज़लें होती कहाँ हैं?
जिदगी में
कंकड़ों के ढेर हैं
मोती कहाँ हैं?






==================

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

आइये कारवां बनायें...

~~~ साहित्य शिल्पी का पुस्तकालय निरंतर समृद्ध हो रहा है। इन्हें आप हमारी साईट से सीधे डाउनलोड कर के पढ सकते हैं ~~~~~~~

डाउनलोड करने के लिए चित्र पर क्लिक करें...