रचनाकार परिचय:-
■गीत■
छगन लाल गर्ग
पिता : श्री विष्णु राम जी
प्रकाशित पुस्तके : "क्षण बोध " काव्य संग्रह गाथा पब्लिकेशन, लखनऊ ( उ,प्र)
"मदांध मन" काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ,प्र)
"रंजन रस" काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ,प्र)
"अंतिम पृष्ठ" काव्य संग्रह, अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद (उ,प्र)
"तथाता " छंद काव्य, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ ।
वर्तमान मे: बाल स्वास्थ्य एवं निर्धन दलित बालिका शिक्षा मे सक्रिय सेवा कार्य ।अनेकानेक साहित्य पत्र पत्रिकाओ व समाचार पत्रों में कविता व आलेख प्रकाशित ।
सम्मान : "हिन्दी साहित्य गौरव सम्मान -2016" उत्कर्ष प्रकाशन द्वारा ।
रूचि : शिक्षा चिंतन व साहित्य सृजन ।
वर्तमान पता : 2 डी 78 राजस्थान आवासन मंडल, आकरा भट्टा, आबूरोड जिला - सिरोही (राजस्थान )307026
मोबाइल 9461449620
EMAIL: Chhaganlaljeerawal@gmal.com
पिता : श्री विष्णु राम जी
प्रकाशित पुस्तके : "क्षण बोध " काव्य संग्रह गाथा पब्लिकेशन, लखनऊ ( उ,प्र)
"मदांध मन" काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ,प्र)
"रंजन रस" काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ,प्र)
"अंतिम पृष्ठ" काव्य संग्रह, अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद (उ,प्र)
"तथाता " छंद काव्य, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ ।
वर्तमान मे: बाल स्वास्थ्य एवं निर्धन दलित बालिका शिक्षा मे सक्रिय सेवा कार्य ।अनेकानेक साहित्य पत्र पत्रिकाओ व समाचार पत्रों में कविता व आलेख प्रकाशित ।
सम्मान : "हिन्दी साहित्य गौरव सम्मान -2016" उत्कर्ष प्रकाशन द्वारा ।
रूचि : शिक्षा चिंतन व साहित्य सृजन ।
वर्तमान पता : 2 डी 78 राजस्थान आवासन मंडल, आकरा भट्टा, आबूरोड जिला - सिरोही (राजस्थान )307026
मोबाइल 9461449620
EMAIL: Chhaganlaljeerawal@gmal.com
मानवता कब होगी ।
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(मात्राएँ 16,14)
गरिमा त्याग मालिक शरण मे ,
समझ चमचागिरी थोडी ।
रूतबा ताप चमक दमक में ,
निति ज्ञान बने घोडी।।1
धरम करम नाम कमाना है ,
गो रक्षक की पदवी लो ।
दलित मारना पाप नही हैं ,
आजादी हक अपना लो।।2
आदर्श हमारा एक रहा है ।
हिन्दु राष्ट्र बनायेंगे ।
संविधान की ऐसी तैसी,
होली संग जलायेंगे।।3
चीरहरण का पाप देश में ,
मानवता कहलायेंगा।
नव निर्माण वही युग पुराना,
देश गुरू बन जायेगा ।4
सच्चाई मत बोल देश मे,
बेबूझ सुन मौत होगी ।
अंध मूढता पाठ सीख ले,
दादागिरी सफल होगी ।।5
जली असीमित आग जहन में,
शांत न जाने कब होगी।
रोज मरते सरीफ देश में ,
मानवता फिर कब होगी ।।6
छगन लाल गर्ग विज्ञ ।
10 टिप्पणियाँ
नमस्ते, आपकी यह प्रस्तुति "पाँच लिंकों का आनंद" ( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में गुरूवार 09-11-2017 को प्रातः 4:00 बजे प्रकाशनार्थ 846 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
जवाब देंहटाएंचर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर। सधन्यवाद।
सूचना (संशोधन) -
हटाएंनमस्ते, आपकी रचना के "पाँच लिंकों का आनन्द" ( http://halchalwith5links.blogspot.in) में प्रकाशन की सूचना
9 -11 -2017 ( अंक 846 ) दी गयी थी।
खेद है कि रचना अब रविवार 12-11 -2017 को 849 वें अंक में प्रातः 4 बजे प्रकाशित होगी। चर्चा के लिए आप सादर आमंत्रित हैं।
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंवाह। बहुत ही शानदार।।
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह !!बहुत खूब!!
जवाब देंहटाएंमानवता जिस दिन आएगी
उस दिन धरती हर्षाएगी,
फूल खिलेंगे प्रेम भाव के
दुनिया सुखमय है जाएगी।
वाह!!!!
जवाब देंहटाएंलाजवाब अभिव्यक्ति...
सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता है
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.