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प्रेम-पाती [कविता]- नीतू सिंह ‘रेणुका’

रचनाकाररचनाकार परिचय:-


नाम: नीतू सिंह ‘रेणुका’
जन्मतिथि: 30 जून 1984
प्रकाशित रचनाएं: ‘मेरा गगन’ नामक काव्य संग्रह (प्रकाशन वर्ष -2013), ‘समुद्र की रेत’ कथा संग्रह (प्रकाशन वर्ष -2016)
ई-मेल: n30061984@gmail.com


प्राणों के स्पंदन
हे प्रिय! वंदन!

करे न वहन
बोझिल नयन
यह निद्रा-शयन।

इस प्रेम -अगन
में भस्म बदन।

अब तो सजन
करो न मनन।

तोड़ो अवगुंठन
करो आलिंगन।

कहे ये कथन
तुम्हारी बिरहन।
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