रचनाकार परिचय:-
पूरा नाम: संजय कुमार नायक
रचना संसार में प्रयुक्त नाम: संजय नायक”शिल्प” तखल्लुस(उपनाम) “शिल्प”,
निवास स्थान: गांव - उदावास, जिला झुंझुनूं, 333001, राजस्थान
मोबाइल- 7413082480
जन्म तिथि- 07-01-1978
शिक्षा: ब.कॉम, पी जी डी सी ए, बीएड,
रुचि के विषय:- लिखना, पढ़ना, गाने सुनना
रचना की विधा- ग़ज़ल, कविता, दोहे , लघु कथा, कहानी, भजन(स्वतंत्र लेखन)
पसन्दीदा रचनाकार: गुलजार, धर्मवीर भारती, पसंदिदा किताब- गुनाहों के देवता(धर्मवीर भारती)
ई-मेल: sanjayshilp01@gmail.com
पूरा नाम: संजय कुमार नायक
रचना संसार में प्रयुक्त नाम: संजय नायक”शिल्प” तखल्लुस(उपनाम) “शिल्प”,
निवास स्थान: गांव - उदावास, जिला झुंझुनूं, 333001, राजस्थान
मोबाइल- 7413082480
जन्म तिथि- 07-01-1978
शिक्षा: ब.कॉम, पी जी डी सी ए, बीएड,
रुचि के विषय:- लिखना, पढ़ना, गाने सुनना
रचना की विधा- ग़ज़ल, कविता, दोहे , लघु कथा, कहानी, भजन(स्वतंत्र लेखन)
पसन्दीदा रचनाकार: गुलजार, धर्मवीर भारती, पसंदिदा किताब- गुनाहों के देवता(धर्मवीर भारती)
ई-मेल: sanjayshilp01@gmail.com
गीत -3
अन्न जो न उगाते लोग
भूख से मर जाते लोग
अन्न जो न उगाते लोग
जिनका थोड़ा पेट भरा
तो फिर फूल उगाते लोग
जिनका कर्ज नहीं चूकता
फांसी खा मर जाते लोग
जिनकी कोई बात न सुने
तो टंकी पर चढ़ जाते लोग
सड़कें जाम करते हैं फिर
अखबारों में आते लोग
जिनको कुछ भी ज्ञान नहीं
वो बातें खूब बनाते लोग
गर्मी में जल जल हैं जाते
सर्दी से ठिठुराते लोग
अबकी बार मानसून सूखा
घर घर मे बतियाते लोग
सब्जी उसके घर से ले लो
चीनी मेरे पास पड़ी है
मांग तांग के करे गुजारा
जीवन यूँ भी बिताते लोग
साहूकार का कर्ज पड़ा है
बापू का भी मर्ज बड़ा है
अबके सावन ज्यादा बरसा
घुट घुट कर रह जाते लोग
छत ऊपर से टपक रही है
बिल बिजली का भरा नही है
छप्पर आंधी उड़ा ले गयी
जग कर रात बिताते लोग
मिट्टी में जो पले बढ़े हैं
मिट्टी से ही जुड़े हुए हैं
कहते हैं जो माँ मिट्टी को
मिट्टी में मिल जाते लोग
सब्सिडी अब नहीं मिलेगी
मनमानी यूँ नहीँ चलेगी
कर्ज माफ किस बात का बोलो
यही गीत दोहराते लोग
फसली बीमा हुआ था लेकीन
कायदे में खेत नहीं था
खून पसीने का हिस्सा ही
लोगों का खा जाते लोग
ऊंची बैठक में जो बैठे हैं
अपनी ताकत पर ऐंठे हैं
खेती क्या है नहीं जानते
कायदे वही बनाते लोग
भूख से मर जाते लोग
अन्न जो न उगाते लोग
जिनका थोड़ा पेट भरा
तो फिर फूल उगाते लोग
-संजय नायक"शिल्प"
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1 टिप्पणियाँ
बहुत ही बढ़िया संजय जी
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.