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ख़ाब जैसा है [गज़ल]- अर्पित शर्मा "अर्पित"

रचनाकार परिचय:-

नाम :- अर्पित शर्मा "अर्पित"
शह्र :- शाजापुर (मध्यप्रदेश)
जन्म दि :- 28-04-1992
जन्म स्थान :- उज्जैन ( मध्यप्रदेश)

जहन में वो तो ख़ाब जैसा है,
वो बदन भी गुलाब जैसा है,,


बंद आँखों से पढ़ भी सकता हूँ,,
तेरा चेहरा किताब जैसा है,,


मेरी पलके झुकी है सजदे में,
दिल भी गंगा के आब जैसा है,,


हर घड़ी ज़िक्र तेरा करता हूँ,
ये नशा भी शराब जैसा है,,


अर्पित शर्मा "अर्पित"





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