HeaderLarge

नवीनतम रचनाएं

6/recent/ticker-posts

आईना लोग मुझको दिखाने लगे [गज़ल]- अर्पित शर्मा "अर्पित"

रचनाकार परिचय:-

नाम :- अर्पित शर्मा "अर्पित"
शह्र :- शाजापुर (मध्यप्रदेश)
जन्म दि :- 28-04-1992
जन्म स्थान :- उज्जैन ( मध्यप्रदेश)

सामने कारनामे जो आने लगे,,
आईना लोग मुझको दिखाने लगे,,


जो समय पर ये बच्चे ना आने लगे,
अपने माँ बाप का दिल दुखाने लगे,,


फ़ैसला लौट जाने का तुम छोड़ दो,
फूल आँगन के आँसू बहाने लगे,,


फिर शबे हिज़्र आँसूं मेरी आँख के,
मुझको मेरी कहानी सुनाने लगे,,


आईने से भी रहते है वो दूर अब,
जाने क्यू खुदको इतना छुपाने लगे,,


कोई शिकवा नही बेरुखी तो नही,
हम अभी आये है आप जाने लगे,,


तेरी चाहत लिए घर से अर्पित चला,
सारे मंज़र नज़र को सुहाने लगे,,


अर्पित शर्मा "अर्पित"





एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

आइये कारवां बनायें...

~~~ साहित्य शिल्पी का पुस्तकालय निरंतर समृद्ध हो रहा है। इन्हें आप हमारी साईट से सीधे डाउनलोड कर के पढ सकते हैं ~~~~~~~

डाउनलोड करने के लिए चित्र पर क्लिक करें...