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जिजीविषु [कविता] - डॉ महेन्द्र भटनागर

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 डा. महेंद्र भटनागर रचनाकार परिचय:-


डा. महेंद्रभटनागर
सर्जना-भवन, 110 बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर -- 474 002 [म. प्र.]

फ़ोन : 0751-4092908 / मो. 98 934 09793
E-Mail : drmahendra02@gmail.com
drmahendrabh@rediffmail.com



अचानक
आज जब देखा तुम्हें -
कुछ और जीना चाहता हूँ!
गुजर कर
बहुत लम्बी कठिन सुनसान
जीवन-राह से,
प्रतिपल झुलस कर
जिदगी के सत्य से
उसके दहकते दाह से,
अचानक
आज जब देखा तुम्हें -
कड़वाहट भरी इस जिदगी में
विष और पीना चाहता हूँ!
कुछ और जीना चाहता हूँ!
अभी तक
प्रेय!
कहाँ थीं तुम?
नील-कुसुम!



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