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निकष [कविता] - डॉ महेन्द्र भटनागर

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 डा. महेंद्र भटनागर रचनाकार परिचय:-


डा. महेंद्रभटनागर
सर्जना-भवन, 110 बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर -- 474 002 [म. प्र.]

फ़ोन : 0751-4092908 / मो. 98 934 09793
E-Mail : drmahendra02@gmail.com
drmahendrabh@rediffmail.com



किसी मधु-गन्धिका के
प्यार की ऊष्मा-किरण
मुझको
छुए तो-
मोम हूँ!
किसी मुग्धा
चकोरी के
अबोध
अधीर
भटके
दो नयन
मुझ पर
पड़ें तो-
सोम हूँ!



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9 टिप्पणियाँ

  1. बिसुरी बदरी जो सब कुछ भूल कर कोई पनाह चाहे तो व्योम हुँ

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  2. भटनाकर जी आपकी यह छोटी सी कविता अपने ह्रदय में बहुत बङे अर्थ संजोए हुए है
    बहुत ही अच्छी कविता

    जवाब देंहटाएं
  3. भटनाकर जी आपकी यह छोटी सी कविता बहुत ही सुन्दर है

    जवाब देंहटाएं
  4. पी एम मोदी द्वारा चलायी जाने वाली इन योजनाओ का मुख्य उद्देश्य विभिन वर्गो को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना तथा देश के विभिन्न वर्गो तक इन कल्याणकारी योजनाओ को पहुंचाना हैं तथा देश के आर्थिक अर्थव्यवस्था को सुधारना हैंSarkari yojana Form नागरिको को अची सुविधाए ,आत्मनिर्भर जीवन यापन के अच्छे विकल्प ,अच्छे रोजगार ,अच्छी स्वास्थ्य सेवाए ,बेहतर वातावरण आदि उपलब्ध करना हैं!

    जवाब देंहटाएं

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