जी.बी.एन विद्यालय 21-डी, फरीदाबाद के सौजन्य से बच्चों की मधुर आवाज़ में "अनहद गीत" नामक संग्रह के दो गीत हम साहित्य शिल्पी पर पहले प्रस्तुत कर चुके हैं। इन सभी गीतों के लिये संगीत संयोजन किया है प्रतिभावान संगीतकार रीना कपिल ने।

इसी क्रम में आज आइये सुनें "अनहद गीत" की तीसरी प्रस्तुति "धरा पर अँधेरा बहुत छा रहा है..." :
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11 टिप्पणियाँ
अनहद गीत श्रंखला के सभी गीत अच्छे हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढिया....
जवाब देंहटाएंVery nice.
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
रीना कपिल जी एवं साहित्य शिल्पी को इस कव्वाली के लिये बधाई। बहुत प्रशंसनीय स्वर संयोजन है।
जवाब देंहटाएंbahut badia
जवाब देंहटाएंधरा पर अँधेरा तो छाया ही रहेगा। वैसे उजाले उनको नसीब हैं जो उनके हिमायती हैं।
जवाब देंहटाएंबच्चों के मधुर सुरों में यह सुंदर प्रस्तुति सुनवाने के लिए साहित्य शिल्पी को धन्यवाद और रानी कपिल को बधाई। इन प्यारे प्यारे बच्चों को जिनकी मधुर आवाज़ अभी भी कानों में गूंज रही है, ढेर सारा प्यार। इस अगली प्रस्तुति का इंतज़ार है।
जवाब देंहटाएंBeautiful song....I have heard this song from gayatri sanstha shantikunj people. And, still I have the cd with me. You can find many such songs on line now.
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति के लिए ......
जवाब देंहटाएंसाहित्य शिल्पी को धन्यवाद....
और रानी कपिल को
बधाई.....
बहुत सुंदर प्रस्तुति .. बिल्कुल प्रोफेशनल अंदाज की कवाली है . . जिसे नन्हे मुन्नों ने बहुत ही करीने से निभाया है..
जवाब देंहटाएंreena ji ka pahle bhi geet suna tha , jise baccho ne gaya tha ..inke prayog bahut hi sundar hoten hai ..
जवाब देंहटाएंmeri dili iccha hai ki [ main rajiv ji se bhi baat ki thi ] ki aap meri poem " sahid hoon main " ko compose karen ..
aapko bahut badhai ..
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com
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