अपने सुधी पाठको के समक्ष कविता, कहानी, लघुकथा, नाटक, व्यंग्य, कार्टून, समालोचना तथा सामयिक विषयो पर परिचर्चाओं के साथ साहित्य शिल्पी समूह आपके समक्ष उपस्थित है। यदि राष्ट्रभाषा हिदी की प्रगति के लिए समर्पित इस अभियान में आप भी सहयोग देना चाहते हैं तो अपना परिचय, तस्वीर एवं कुछ रचनायें हमें निम्नलिखित ई-मेल पते पर प्रेषित करें।
4 टिप्पणियाँ
मैं इस दुनिया के साथ भी हूँ
जवाब देंहटाएंऔर "अंजुम" की तन्हाई भी
बहुत खूब, अंज़ुम जी! आपकी ये तनहाई तो हमें भी पसंद आई। आशा है कि पुन: आपको पढ़ने का मौका मिलेगा।
मैं इस दुनिया के साथ भी हूँ
जवाब देंहटाएंऔर "अंजुम" की तन्हाई भी
वाह वाह
छोटे बहर की अच्छी ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता, बधाई।
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.