
डाल के लूटी,
ओ री झूठी,
सच कह -
तूने पाई कहाँ से
प्यार-मोहब्बत की यह घुट्टी,
खुद तो हुई बावरी फिरती,
मेरी भी कर दी है छुट्टी।
अब जो तेरे जाल में हूँ तो
नैनन से हीं घायल कर दे,
सुन री...मोहे पागल कर दे।
विश्वदीपक ’तन्हा’ का जन्म बिहार के सोनपुर में २२ फरवरी १९८६ को हुआ था। आप कक्षा आठवीं से कविता लिख रहे हैं।
बारहवीं के बाद आपका नामांकन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के संगणक विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग में हो गया। अंतरजाल पर कुछ सुधि पाठकगण और कुछ प्रेरणास्रोत मित्रों को पाकर आपकी लेखनी क्रियाशील है।
बोल रसीले,
छैल-छबीले,थोड़े ढीले,
बह कर-
मेरी ओर जुबाँ से
बने बनाए बाँध को छीले,
खुद तो मुझमें प्यास जगाए,
फिर मेरी चुप्पी को पी ले।
अब जो तेरी झील में हूँ तो
सावन का हीं बादल कर दे,
सुन री...मोहे पागल कर दे।
रूप की गठरी,
रंग की मिसरी,
लेके ठहरी,
मुझ तक-
तेरी आन पड़ी है
जान-जिया की माँग ये दुहरी,
खुद तो चाल चले है सारी,
फिर मुझसे पूछे क्या बहरी।
अब जो तेरे साथ में हूँ तो
जोबन का हीं कायल कर दे,
सुन री...मोहे पागल कर दे।
13 टिप्पणियाँ
एक सुन्दर, मीठा गीत |
जवाब देंहटाएंबधाई |
अवनीश तिवारी
मनमोहक कविता के लिये बधाई।
जवाब देंहटाएंजान-जिया की माँग ये दुहरी,
जवाब देंहटाएंखुद तो चाल चले है सारी,
फिर मुझसे पूछे क्या बहरी।
अब जो तेरे साथ में हूँ तो
जोबन का हीं कायल कर दे,
सुन री...मोहे पागल कर दे।
कमाल का प्रवाह
सरोबार कर देने वाला नवगीत है।
जवाब देंहटाएंखुद तो मुझमें प्यास जगाए,
फिर मेरी चुप्पी को पी ले।
अब जो तेरी झील में हूँ तो
सावन का हीं बादल कर दे,
सुन री...मोहे पागल कर दे।
तनहा जी की बिम्ब निर्माण क्षमता का मैं हमेशा से कायल रहा हूँ।
Nice Poem.
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
सुन री...मोहे पागल कर दे।
जवाब देंहटाएंघायल हो गये हैं विश्वदीपक जी
बहुत लयभरी और बेहतरीन कविता।
जवाब देंहटाएंPrem me dube ek premi ki aawaj ..bahut sundar..laybaddh aur bhav se saji badhiya geet..badhai vishv deepak ji
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारा मीठा गीत .मोहे पागल कर दे
जवाब देंहटाएंबोल रसीले,
जवाब देंहटाएंछैल-छबीले,
थोड़े ढीले,
वाह! कवि का एक और रुप...बहुत ही सुंदर दीपक जी बधाई!
सूफियाना रंग की सरस रचना. साधुवाद.
जवाब देंहटाएंरचना पसंद करने के लिए सारे मित्रों का धन्यवाद!!
जवाब देंहटाएं-विश्व दीपक
wow ....sunder
हटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.