
रचनाकार परिचय:- कृष्ण कुमार यादव का जन्म 10 अगस्त 1977 को तहबरपुर, आजमगढ़ (उ0 प्र0) में हुआ। आपनें इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नात्कोत्तर किया है। आपकी रचनायें देश की अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं साथ ही अनेकों काव्य संकलनों में आपकी रचनाओं का प्रकाशन हुआ है। आपकी प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ हैं: अभिलाषा (काव्य संग्रह), अभिव्यक्तियों के बहाने (निबन्ध संग्रह), इण्डिया पोस्ट-150 ग्लोरियस इयर्स (अंग्रेजी), अनुभूतियाँ और विमर्श (निबन्ध संग्रह), क्रान्ति यज्ञ:1857-1947 की गाथा।
आपको अनेकों सम्मान प्राप्त हैं जिनमें सोहनलाल द्विवेदी सम्मान, कविवर मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, महाकवि शेक्सपियर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान, काव्य गौरव, राष्ट्रभाषा आचार्य, साहित्य-मनीषी सम्मान, साहित्यगौरव, काव्य मर्मज्ञ, अभिव्यक्ति सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, साहित्य श्री, साहित्य विद्यावाचस्पति, देवभूमि साहित्य रत्न, सृजनदीप सम्मान, ब्रज गौरव, सरस्वती पुत्र और भारती-रत्न से आप अलंकृत हैं। वर्तमान में आप भारतीय डाक सेवा में वरिष्ठ डाक अधीक्षक के पद पर कानपुर में कार्यरत हैं।
वे जीते हैं एक अलग जिन्दगी
जब सारी दुनिया सो रही होती है
तब आरम्भ होती है उनकी सुबह
रंग-बिरंगी लाइटों और संगीत के बीच
पैग से पैग टकराते
अगले दिन के अखबारों में
पेज थ्री की सुर्खियाँ
बनते हैं ये लोग
देर शाम किसी चैरिटी प्रोग्राम में
भारी-भरकम चेक देते हुये और
मंत्रियों के साथ फोटो खिंचवाते हुये
तैयार कर रहे होते हैं
राजनीति में आने की सीढ़ियाँ
सुबह से शाम तक
कई देशों की सैर करते
कर रहे होते हैं डीलिंग
अपने लैपटाँप के सहारे
वे नहीं जाते
किसी मंदिर या मस्जिद में
कर लेते हैं ईश्वर का दर्शन
अपने लैपटाँप पर ही
और चढ़ा देते हैं चढ़ावा
क्रेडिट-कार्ड के जरिये
सुर्खियाँ बनती हैं
उनकी हर बात
और दौड़ता है
मीडिया का हुजूम उनकी पीछे
क्योंकि
तय करते हैं वे
सेंसेक्स का भविष्य
पर्दे के पीछे से करते हैं
सरकारों के भविष्य का फैसला
बनती है आकर्षण का केन्द्र-बिंदु
सार्वजनिक स्थलों पर उनकी मौजूदगी
और इसलिए वे औरों से अलग हैं।
11 टिप्पणियां
इस विषय पर पहली कविता पढी है मैने।
जवाब देंहटाएंक्योंकि
जवाब देंहटाएंतय करते हैं वे
सेंसेक्स का भविष्य
पर्दे के पीछे से करते हैं
सरकारों के भविष्य का फैसला
बनती है आकर्षण का केन्द्र-बिंदु
सार्वजनिक स्थलों पर उनकी मौजूदगी
और इसलिए वे औरों से अलग हैं।
सत्य है।
देर शाम किसी चैरिटी प्रोग्राम में
जवाब देंहटाएंभारी-भरकम चेक देते हुये
और मंत्रियों के साथ फोटो खिंचवाते हुये
तैयार कर रहे होते हैं
राजनीति में आने की सीढ़ियाँ
...पेज थ्री के बहाने बड़े लोगों की पोल खोलती कविता.बधाई!!
वाह भाई! मान गए. बड़ा सटीक चित्रण है आपकी कविता में.
जवाब देंहटाएं...यहाँ यह भी देखना होगा की जिस तरह मीडिया इन पेज थ्री के चेहरों को अनावश्यक महत्व देकर उन्हें यूथ आइकन बनती है, वह कितना उचित है...एक सार्थक कविता हेतु साधुवाद.
जवाब देंहटाएंपेज थ्री के बहाने समाज के तथाकथित उच्च वर्ग के सरोकारों (?) को दर्शाती उत्कृष्ट कविता.
जवाब देंहटाएंपेज थ्री के बहाने समाज के तथाकथित उच्च वर्ग के सरोकारों (?) को दर्शाती उत्कृष्ट कविता.
जवाब देंहटाएंमँहगी गाड़ियों और वातानुकूलित कक्षों में बैठ
जवाब देंहटाएंवे जीते हैं एक अलग जिन्दगी
जब सारी दुनिया सो रही होती है
तब आरम्भ होती है उनकी सुबह
रंग-बिरंगी लाइटों और संगीत के बीच
पैग से पैग टकराते
अगले दिन के अखबारों में
पेज थ्री की सुर्खियाँ
....Adbhut.
बेहद सुन्दर अभिव्यक्ति और भाव..बधाई.
जवाब देंहटाएंअद्भुत, इस तरह की कविता कभी-कभी पढने को मिलती है....बधाई.
जवाब देंहटाएंबेहद प्रासंगिक कविता.
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.