फरीदाबाद स्थित डॉ. रेणु राजवंशी के निवास पर हमकलम संस्था की नव वर्ष तथा वसंत विषयों पर संगोष्ठी सपन्न हुई। इस अवसर पर डॉ. रेणु राजवंशी के नये कहानी संग्रह "तमसो मा ज्योतिर्गमय" का लोकार्पण भी किया गया।

गोष्ठी का आरंभ करते हुए डॉ. संतोष गोयल नें नव वर्ष पर अपनी कविता पढी।
डॉ. वेद व्यथित नें अपने सामयिक विषयों पर रचे गये मुक्तक प्रस्तुत किये -
जो जनता को नाच नचाते उन को गुंडे नचा रहे
ताल एक हो जाये सब की तालीवे सब बजा रहे
सब की मिली भगत होती है नेता अफसर गुंडों की
नये साल में नाच नाच कर ऐसा ही वे बता रहे

अंजु दुआ जैमिनी नें अपनी कविता में वसंतागमन का स्वागत किया -
सरसों के पीले फूल उमगते गमक रहे हैं
सुस्वागतम रितुराज वसंत अब द्वार खडे हैं
कमल कपूर नें अपनी विचारोत्तेजक कविता में कहा -
जीत का जश्न मनाते हैं जमाने में सभी
हार पे हार चढाओ तो कोई बात बने।
साहित्य शिल्पी के मोहिन्दर कुमार नें अपनी कविता कोमल बेल या मोढा में नारी संदर्भों को नये अर्थों में प्रस्तुत किया -
बेटी व्याही, तो समझो गंगा नहाये
सुनकर लगा था कभी
जैसे कोई पाप पानी मे बहा आये
बचपन से क्षीण परिभाष्य
हर दर, हर ठौर, भारित आश्रय
एक कोमल बेल सी मान
हर पल एक मोंढ़ा गढते
थक गई थी

सुनीति रावत नें "विरहणी के वसंत" शीर्षक से अपनी कविता में कहा -
प्रिय फूलों के इस रुत में
खिल गये फूल रंग रंग के
लिपट गयी हैं लतिकायें
सबल तनों से
बहुत ही मधुर आवाज में जे. बी. शर्मा नें गीत सुनाया -
धरती ये हमारी, कुर्बान इसपे जायेंगे
एक नहीं बार बार जान हम लुटायेंगे
डॉ. रेणु राजवंशी नें कविता पाठ किया -
कोंपल फूंटी धरती हुई चपल
धीरे से संकुचाई आँखे खोली
यौवन का रह रह कर ज्वार
नील गगन झुका हुआ था बाहें पसार
साहित्य शिल्पी के राजीव रंजन प्रसाद नें अपनी कविता 'मौन अब सुलग जाये" में कहा -
मौन अब सुलग जाये
खेत अब दहक जायें
उलट जाये धरती
हो समतल अट्टालिकायें
बहुत हुआ आग बन जाओ तो
ब्याज बहुत बढ गया है कृष्ण

सुनीता शर्मा नें कहा -
समय रथ पर हो सवार
धरा को व्याहने आ गया वसंत।

निशा भार्गव नें अपनी व्यंग्य रचनायें पढीं। अन्य कवियों में आभा कुलश्रेष्ठ, इंदु गुप्ता, शीला कौशिक, आशिमा कौल, प्रतिभा जौहरी, मनोहर जी आदि नेंअपनी रचनायें प्रस्तुत कीं। साहित्य शिल्पी की ओर से अजय यादव तथा अभिषेक सागर भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
5 टिप्पणियाँ
अच्छा आयोज, बधाई।
जवाब देंहटाएंNice Programme.
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
smpadn kee kushlta v chitr snyojn mharth me kiye gye athk shrm ke liye sadhuvad aap ne is snyojn se log protsahit to honge hee labhanvit bhi honge
जवाब देंहटाएंpun:sneh bhan se aabhar aur sadhuvad
dr.ved vyathit
aap ki report dekhi. faridabad janpad mein bhi hindi aur sahitya sevi jagrit hain prasannta huei. dr. renu ko naye kahani sangrih par badhayee dr manohar lal ji, dr vyathit aadi ko sadhuvaad.
जवाब देंहटाएंashutosh pandey
264, sector-3, faridabad
aap ki report dekhi. faridabad janpad mein bhi hindi aur sahitya sevi jagrit hain prasannta huei. dr. renu ko naye kahani sangrih par badhayee dr manohar lal ji, dr vyathit aadi ko sadhuvaad.
जवाब देंहटाएंashutosh pandey
264, sector-3, faridabad
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