
रोज देखती हूँ उन्हे
ज़न्ज़ीरो मे फंसे
आँखे मे सपने सजाये
पर अपने आपको
आसूँओं मे भिगोये
१२ साल की जुही तिवारी, आर्मी स्कूल (कोटा) मे छठी कक्षा में पढ़ती हैं। पढ़ने का शौक बहुत है, इसलिये किताब से लेकर जिन्दगी तक पढ़ती रहती हैं। इन्होंने अपने स्कूल-मैगजीन के ऑडोटोरियल बोर्ड मे काम भी किया है और जुनियर सेक्शन की लिट्रेररी क्लब की कैप्टन भी रही हैं।
कुछ दिनों पहले जुही ने अपना एक इंग्लिश ब्लॉग बनाया था और अब एक हिन्दी ब्लॉग भी बनाने की सोच रही हैं।
कुछ दिनों पहले जुही ने अपना एक इंग्लिश ब्लॉग बनाया था और अब एक हिन्दी ब्लॉग भी बनाने की सोच रही हैं।
यूँ तो हम भी हैं मिट्टी पर चलते
फर्क बस इतना
वे धूप मे जलते
यूँ तो हम भी खाना है खाते
फर्क बस इतना
वे खाने को तरसते
ज़र्रा ज़र्रा कहता है मुझसे
खुद से और तुमसे
यही फर्क बनाता है
हमें खुशहाल
और उनके आंगन के दुखो का पहाड़
पूछती हूँ भगवान से
क्या जरूरी है यह अवतार
एक तरफ खुशियों की वादियाँ
दूसरी तरफ आसुओं की नदियाँ
10 टिप्पणियाँ
जो उम्र जूही की है और जिस कद की कविता है इससे यह तो उम्मीद बनती है कि आगे जा कर जूही साहित्य के क्षेत्र में अपना बडा नाम करेंगी। सुन्दर कविता की बधाई।
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें और शुभाशीष नन्ही कवियित्री को।
जवाब देंहटाएंपूछती हूँ भगवान से
जवाब देंहटाएंक्या जरूरी है यह अवतार
एक तरफ खुशियों की वादियाँ
दूसरी तरफ आसुओं की नदियाँ
वाह वाह बहुत खूब।
Nice Poem
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति .. सचमुच ऐसा क्यूं है .. कोई जबाब नहीं मिल पाता !!
जवाब देंहटाएंकम उम्र
जवाब देंहटाएंअधिक अनुभव
कल्पना दमदार
भविष्य शानदार
साहित्य में बनें
सदाबहार।
जूही बेटी,
जवाब देंहटाएंआपके ह्रदय में सामाजिक व्यवस्था की विषमता के प्रति जो पीड़ा है,उसे हम प्रणाम करते हैं. ईश्वर आपके ह्रदय को हमेशा इतना ही पवित्र रखे! निश्चय ही आप दूसरे बच्चों के लिए मिसाल बनेंगी.भावना से भरी प्यारी सी रचना के लिए बधाई. आगे भी लिखते रहिये.
---किरण सिन्धु.
भविष्य उज्जवल है, बधाई.
जवाब देंहटाएंशुभ कामनाएँ..
ek bahut hi bhavuk kavika
जवाब देंहटाएंप्रिय बेटी जुही,
जवाब देंहटाएंइतनी कम उम्र में इतनी संवेदना! जिस सामाजिक मुद्दे को आपने शब्दों में बाँधा है ,वह हर प्रगतिशील समाज के लिये प्रश्न है। आपसे साहित्य जगत को बहुत सी आशाएँ रहेंगी।
आशीर्वाद तथा प्यार सहित,
शशि पाधा
आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.