
समझाता हूं स्वयं को एक वाक्य से.....
रुदन बनने का श्रेय, मिला तेरे विश्वास से
माना कि, पीड़ा का परिचायक हूँ
पर साथी भी तो हूँ तेरा
कारण अकारण आ जाना
क्या सम्बन्ध साक्ष्य नहीं मेरा
निनाद हूँ टूटे भावों का
क्षोभ नहीं मैं साक्ष्य हूँ
अतीत की अकुलाहट
बीता ! वर्तमान हूँ
विडम्बना है जीवन की
मेरी मृत्यु ही मेरा जीवन है
कि चक्षु पे गिरते ही
हस्तों से तू उठाता है
यें असीम प्रेम ही तो है मेरा
तेरी हर पीड़ा अपनाता हूँ
जब भी रहोगे शोक में
सर्वप्रथम मैं आता हूँ
बार-बार बिछुड़ने पर
स्वयं को मैं समझाता हूँ ........
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रचनाकार - जूबी मंसूर
12 टिप्पणियाँ
अरे ये तो बहुत सुन्दर कविता है !
जवाब देंहटाएंBehad sundar likha hai..
जवाब देंहटाएंजब भी रहोगे शोक में
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम मैं आता हूँ
बार-बार बिछुड़ने पर
स्वयं को मैं समझाता हूँ ........
बहुत सुन्दर
Shabash!
जवाब देंहटाएंShakti
सुन्दर रचना | बधाई |
जवाब देंहटाएंलेकिन १ शब्द नहीं जमा - जैसे - कि चक्षु पे गिरते ही (पे)
अवनीश तिवारी
Nice Poem.
जवाब देंहटाएंAlok Kataria
क्षोभ नहीं मैं साक्ष्य हूँ
जवाब देंहटाएंअतीत की अकुलाहट
बीता ! वर्तमान हूँ
विडम्बना है जीवन की
मेरी मृत्यु ही मेरा जीवन है
कि चक्षु पे गिरते ही
हस्तों से तू उठाता है
यें असीम प्रेम ही तो है मेरा
तेरी हर पीड़ा अपनाता हूँ
जब भी रहोगे शोक में
सर्वप्रथम मैं आता हूँ
बार-बार बिछुड़ने पर
स्वयं को मैं समझाता हूँ ........
bahut gahri abhivayakti
jo gir gye
जवाब देंहटाएंvo kho gye
girte hee
jmi doj ho gye
jo girne se rh gye
ve moti ho gye
moti ko sheje rkhna
use kleje me
chhipaye rkhna
kyon ki
haathon me
ve kb aate hain
najok hain bhut hi
hath ke
chhute hee tut jate hain
jo gir gye
जवाब देंहटाएंvo kho gye
girte hee
jmi doj ho gye
jo girne se rh gye
ve moti ho gye
moti ko sheje rkhna
use kleje me
chhipaye rkhna
kyon ki
haathon me
ve kb aate hain
najok hain bhut hi
hath ke
chhute hee tut jate hain
dr.vedvyathit@gmail.com
वाह...अद्वितीय...अप्रतिम ....
जवाब देंहटाएंमर्म को छू गयी आपकी यह रचना...अनुपम बिम्ब प्रयोग और उसका अद्भुत विस्तार किया आपने...
क्षोभ नहीं मैं साक्ष्य हूँ
जवाब देंहटाएंअतीत की अकुलाहट
बीता ! वर्तमान हूँ
apoorv abhivyakti
neelesh Jain
www.yoursaarathi.blogspot.com
सुन्दर रचना के लिए बधाई.
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.