
प्रियतम! प्रेम है दीपक राग..
आए पतंगा, बिना बुलाए, कैसे दीप के पास.
क्या चिंता, परिणाम की उसको, पिया मिलन की आस.
जिद है मिलकर, मिट जाने की, यह कैसा अनुराग..
प्रियतम! प्रेम है दीपक राग..
मीठे स्वर का, मोल तभी तक, संग बजाते हों साज.
वीणा की वाणी होती क्या, तबले में आवाज.
सुर सजते जब, चोट हो तन पे, और ह्रदय पर दाग..
प्रियतम! प्रेम है दीपक राग..
देखे चाँद को, रोज चकोरी, क्या बुझती है प्यास.
कमल खिले, निकले जब सूरज, होते अस्त उदास.
हँसे कुमुदिनी, चंदा के संग, रोये सुमन का बाग़..
प्रियतम! प्रेम है दीपक राग..
11 टिप्पणियाँ
बहुत सुन्दर लिखा है। वाह!
जवाब देंहटाएंवाह ! अतिसुन्दर सुकोमल भावों की मनमोहक अभिव्यक्ति मन को छु गई.इस सुंदर कविता की लिए आपका साधुवाद .
जवाब देंहटाएंदेखे चाँद को, रोज चकोरी, क्या बुझती है प्यास.
जवाब देंहटाएंकमल खिले, निकले जब सूरज, होते अस्त उदास.
हँसे कुमुदिनी, चंदा के संग, रोये सुमन का बाग़..
प्रियतम! प्रेम है दीपक राग..
बहुत प्रभावी भाषा, अच्छी रचना।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाषा.....
सुर सजते जब, चोट हो तन पे, और ह्रदय पर दाग..
प्रियतम! प्रेम है दीपक राग..
वाह...
श्यामल जी बहुत अच्छी कविता के लिये बधाई।
जवाब देंहटाएंसंदर प्रेम गीत भई वाह मजा आ गया
जवाब देंहटाएंदेखे चाँद को, रोज चकोरी, क्या बुझती है प्यास.
कमल खिले, निकले जब सूरज, होते अस्त उदास.
हँसे कुमुदिनी, चंदा के संग, रोये सुमन का बाग़..
प्रियतम! प्रेम है दीपक राग..
अति संदर बधाई
शोभा जी, रंजना जी, नंदन जी, गीता जी, अभिषेक जी एवं योगेश जी,
जवाब देंहटाएंप्रोत्साहन हेतु आप सबको हार्दिक धन्यवाद। यही स्नेह बनाये रखें।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
ओस की ताजा बूँदों सी यह प्रेम-कविता है।
जवाब देंहटाएंहँसे कुमुदिनी, चंदा के संग, रोये सुमन का बाग़..
जवाब देंहटाएंप्रियतम! प्रेम है दीपक राग..
सच में बहुत हीं सुंदर प्रेमगीत है।
बधाई स्वीकारें।
-तन्हा
बहुत सही कहा आपने सुमन जी... प्यार देने का नाम है... पाने का नहीं.. "प्रेम है दीपक राग"
जवाब देंहटाएंदो आत्माओं की एकरूपता में ही प्रेम निहित है..
आप सबका प्यार और समर्थन मिला। यह मेरा सौभाग्य। स्नेह बनाये रखें।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
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